Deoli Uniara by-election : जयुपर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर लगातार राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं और इसी बीच टोंक जिले की देवली उनियारा विधानसभा सीट पर बागी उम्मीदवार और सचिन पायलट के खास रहे युवा नेता नरेश मीणा ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। नरेश मीणा के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी और कांग्रेस के जोड़, गुणा, बाकी के समीकरण बिगड़ चुके हैं। नरेश मीणा को आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का सपोर्ट मिलने के बाद अब और भी कई नेताओं का सहयोग मिल रहा है। इसी के साथ ही पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह के भतीजे और गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचिरयावास केे भाई करण सिंह खाचरियावास ने भी नरेश मीणा को समर्थन दे दिया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि नरेश मीणा इन चुनावों में क्या खेल करने वाले हैं और देवनी उनियारा सीट पर किस पार्टी का सूपड़ा साफ होने वाला है।
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नरेश मीणा ने निर्दलीय ठौकी ताल
बता दें कि कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज हुए नरेश मीणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोक दी है। जिसका सीधा सीधा नुकसान कांग्रेस को ही होने वाला है। हालांकि, कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के भी के जोड़, गुणा बाकी के समीकरणें बिगड़ चुके हैं। क्योंकि नरेश मीणा को आरएलपी प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के साथ ही अन्य दिग्गज नेताओं का सपोर्ट मिल रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि नरेश मीणा को पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह के भतीजे और गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचिरयावास केे भाई करण सिंह खाचरियावास का साथ मिलने से उनकी मजबूती और अधिक हो चुकी है। अब गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके प्रताप सिंह के भाई करण सिंह का भी साथ नरेश मीणा को मिलने से कांग्रेस के हाथ पांव फूल चुके हैं। खाचरियावास ने कहा है कि राजनीति को स्वच्छ रखने राष्ट्रवाद को सुरक्षित करने के लिए नरेश मीणा जैसे नेताओं को लाना जरूरी है। उन्होंने तो यह भी कहा कि नरेश मीणा को जिताना बहुत ही जरूरी है। राजनीति में नरेश मीणा जैसे युवा नेता कम है, इन्हें प्रोत्साहित करते हुए आगे लाना चाहिए। ऐसे युवा राजनीति को स्वच्छ करने का काम करने वाले हैं। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह के भाई करण सिंह के इस बयान के बाद अब सियासी गलियारों में जमकर हलचल मच गई है।
13 नवंबर को होगा राजस्थान में उपचुनाव
बता दें कि बता दें कि नरेश मीणा ने देवली उनियारा से कांग्रेस के टिकट की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह कस्तूर चंद मीणा को टिकट दिया। वहीं बीजेपी की ओर से पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को उतारा है। इधर, अब नरेश मीणा ने अपनी पार्टी के खिलाफ चुनाव में निर्दलीय ताल ठोंक दी है। 13 नवंबर को विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी टेंपरेचर लगातार उबाल पर है। इस बीच आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल और नरेश मीणा की मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसको लेकर सियासी हलचल मची हुई हैं। वीडियो में हनुमान बेनीवाल ने नरेश मीणा को समर्थन देते हुए कहा कि वह वोट की अपील के लिए प्रचार भी करेंगे। इधर, चर्चा यह भी चल रही है कि नरेश मीणा को बाप पार्टी के राजकुमार रोत, निर्दलीय शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और आजाद पार्टी के चंद्रशेखर रावण का समर्थन मिल रहा है।
देवली उनियारा सीट पर नरेश मीणा का दबदबा
अब बात करें कि देवली उनियारा विधानसभा सीट पर नरेश मीणा कितना दबदबा रखते हैं तो सीधी सी बात है कि वो एक लाख से ज्यादा वोट हासिल करने वाले हैं। ऐसे में अब यहां पर लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच नहीं रही बल्कि नरेश मीणा बनाम बीजेपी हो चुकी है और कांग्रेस हासिए पर जा चुकी है। अब तक के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें, तो मीना और गुर्जर समाज ही उम्मीदवारों की तकदीर लिखते आए हैं। इसका मुख्य कारण इस सीट पर दोनों ही जातियों के बड़ी संख्या में वोटर का होना। देवली उनियारा विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या करीब 3 लाख है। इनमें 1 लाख 54 हजार 832 पुरुष और 1 लाख 45 हजार 145 महिला मतदाता है। इस सीट पर मीणा और गुर्जर वोर्टस का दबदबा है। इसके चलते यहां करीब 52 हजार मीणा और 46 हजार के आसपास गुर्जर मतदाता है, जबकि माली 19 हजार, राजपूत 20 हजार, ब्राह्मण 22 हजार, वैश्य 22 हजार, अल्पसंख्यक 30 हजार और एससी 40 हजार मतदाता है। इस सीट गुर्जर और मीणा मतदाता ही उम्मीदवार का भाग्य तय करते है। ऐसे में अब नरेश मीणा और बीजेपी के पक्ष में ही धड़ाधड़ वोट पड़ने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी का यहां से सूपड़ा साफ होना तय है।
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