Deshwali Samaj ka Itihas : किसी ने क्या खूब कहा है कि “जो इंसाफ़ के लिए लड़े उसे अली कहते हैं और जो देश के लिए लड़े उसे देशवाली कहते हैं”….दरअसल आज हम आपको भारत की सबसे बहादुर कौम देशवाली समाज (Deshwali Samaj History) के बारे में बताने जा रहे हैं। इतिहास के पन्नों पर दर्ज हैं जितनी बहादुरी की कहानियां, देशवाली समाज के लोगों की हैं वो सब निशानियां। गरीब नवाज़ (Khwaja Gharib Nawaz Ajmer Dargah) की तालीम लेकर सच्चाई और इंसाफ का परचम बुलंद करने वाली राजस्थान की ये बहादुर कौम आज शिक्षा से लेकर हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। तो चलिए बिला ताख़ीर देशवाली समाज के इतिहास (Deshwali Samaj ka Itihas) और वर्तमान से आप सबको रूबरू करा देते हैं। एक और बात “हमारा शायर और कंटेंट राइटर इरफान अली (Rockshayar Irfan Ali Deshwali) खुद एक देशवाली है” इसी लिए हमने ये पोस्ट लिखने का जिम्मा इन्हें दिया है। उम्मीद है आप सब देशवाली बंधु इस पोस्ट को जमकर शेयर करेंगे। क्योंकि गूगल पर आप देशवाली सर्च (Deshwali Samaj Wikipedia) करेंगे तो तीन लाइनों से ज्यादा मैटर नहीं मिलेगा। हमारी कोशिश है कि इस बहादुर कौम को इंटरनेट पर भी तवज्जो दी जाएं। विकीपीडिया (Wikipedia) पर ये कंटेंट लग सके इसके लिए हम पूरी कोशिश करेंगे। अल्लाह हमें कामयाबी बख्शे। आमीन
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देशवाली का अर्थ क्या है ? (Deshwali ka Meaning)
देशवाली या देसवाली ये दोनों शब्द इस समाज के लोग इस्तेमाल करते हैं। देश का अर्थ ज़मीन या भूमि होता है, जबकि वाली एक फ़ारसी शब्द है जिसका मतलब रखवाला होता है। तो इस तरह देशवाली शब्द बना जिसका मतलब है इस देश की भूमि का रखवाला । वो बहादुर कौम जो देश के लिए बलिदान देने से नहीं चूकती है। ख्वाजा साहब के ज़माने में इन्हें सिपाही कहा जाता था।
देशवाली समाज का जन्म कैसे हुआ ? (Deshwali Samaj ka Itihas)
सन 1191 में जब अल्लाह के वली हजरत मुईनुद्दीन चिश्ती ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर तशरीफ लाए तब उनकी मुहब्बत और करामात देखकर कई राजपूत ईमान में दाखिल हो गए थे। ख्वाजा साहब ने अमन, भाईचारा,प्यार, शांति और सामंजस्य का सन्देश दिया जिसे धीरे धीरे आम भारतीय ने दिल से कुबूल किया। उस वक्त अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान की सेना में जो कौम सिपाही थी वह धीरे धीरे मुसलमान होती गई और नाम मिला “देशवाली (Deshwali Samaj ka Itihas) जिसे कई लोग देसवाली” भी कहने लगे। आज भी बड़वे की पोथी में इनके बड़ेरों का जिक्र मिलता है। बड़वा जिसके पास पुरखों की वंशावली यानी शजरा होता है। इनकी लिपि अलग होती है।
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देशवाली भारत में कहां रहते हैं
बात करें देशवाली समाज के रहवास (Deshwali Samaj Residence) की तो राजस्थान के अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा के साथ ही जयपुर और दीगर राजस्थान के अलावा पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में खास तौर पर देशवाली समाज के लोग रहते हैं। राजस्थान में अजमेर जिले में सबसे ज्यादा देशवाली निवास करते हैं। देशवालियों के सामाजिक सिस्टम में राजपूत और मुस्लिम कल्चर का मिश्रण है। निकाह के साथ ही इनकी शादियों में मायरा भात तेल पीटी भी होता है। देशवाली समाज में भी कई गोत्र (Deshwali Samaj Gotra List) पाएं जाते हैं जैसे चौहान, खोखर, शेरानी, गहलोत, तंवर, पंवार, अगवान, नेब, हरसौरी, गुराक, आसाम, दायमा इत्यादि। साथ ही देशवाली केवल अपने ही समाज में शादी करता है।हालांकि आजकल ये रिवाज बदलने लगा है।
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देशवाली समाज के नवाचार
देशवाली समाज ने सबसे पहले सामूहिक विवाह सम्मेलन जिसे मुश्तरका शादी सम्मेलन भी कहा जाता है, उसे शुरु करने की पहल की। ताकि आम आदमी भी अपने बच्चे बच्चियों की शादी धूमधाम से कर सके। साथ ही देशवाली मदद फाउंडेशन संस्थान राजस्थान (Deshwali Madad Foundation Sansthan Rajasthan) की मुहिम कई मजबूर और बेसहारा लोगों को संबल दे रही है। देशवाली समाज की तालीम के प्रति निष्ठा को सम्मानित करने के लिए हर साल 27 दिसंबर को अजमेर के जवाहर रंगमंच पर देशवाली एकता दिवस (Deshwali Ekta Diwas Ajmer) आयोजित किया जाता है। जिसमें देशवाली समाज के प्रतिभावान छात्र छात्राओं के साथ ही समाज के गणमान्य लोगों और राजकीय सेवा में कार्यरत बंधुओं का सम्मान किया जाता है।
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सरकारी नौकरी में आगे है देशवाली
देशवाली समाज राजस्थान और भारत सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी कैटेगरी में आती है। राजस्थान की OBC सूची में 80 नंबर (List of Caste OBC Rajasthan) पर तथा केंद्रं की ओबीसी सूची (CENTRAL LIST OF OBCs FOR THE STATE OF RAJASTHAN) में 68 नंबर पर आने वाली देशवाली कम्युनिटी अब तालीम पर ध्यान दे रही है। आजकल पढ़े लिखे देशवालियों की तादाद बढ़ रही है जिससे सरकारी नौकरियों में इनकी संख्या बढ़ने लगी है।
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देशवाली समाज के प्रतिष्ठित अधिकारी
देशवाली समाज (Deshwali Samaj Education) के कई लोग प्रतिष्ठित पदों पर आसीन है। देशवाली समाज के प्रदेशाध्यक्ष नूर मोहम्मद जावच अजमेर जिले के रामसर से ताल्लुक रखते हैं। अजमेर के डॉ. शकील अहमद साहब राजस्थान सहकारी सेवा के पूर्व अधिकारी (RAS Officer) रह चुके हैं, साथ ही वे दरगाह नाजिम भी रह चुके हैं। वही एक ईमानदार युवा अधिकारी के तौर पर पहचाने जाने वाले डॉ. शौकत अली देशवाली (Dr. Shokat Ali Deshwali Ajmer) वर्तमान में अजमेर संभाग के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (ADEO Ajmer Range) पद पर कार्यरत है। कुल मिलाकर सूची बहुत लंबी है जिससे यही तात्पर्य है कि देशवाली समाज को इल्म की हकीकत समझ आ चुकी है।
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देशवाली समाज सेवा में आगे हैं
देशवाली समाज के लोग समाज सेवा में सबसे आगे है। देशवाली मदद फाउंडेशन संस्थान राजस्थान, देशवाली विकास बोर्ड एवं शोध संस्थान (Deshwali Vikas Board And Sodh Sansthan), तथा देशवाली पंचायत चौरासी जैसे संगठन लगातार अपने अपने स्तर पर सामाजिक कार्य में आगे हैं। देशवाली समाज काफी समय से राजस्थान में देशवाली विकास बोर्ड (Deshwali Vikas Board) के गठन की मांग रख रहा है। देखना होगा कि भजनलाल सरकार राजस्थान की इस बहादुर कौम का बोर्ड कब गठित करती है। फिलहाल तो देशवाली समाज गरीब नवाज की तालीम पर अमल करते हुए अपने स्तर पर समाज के उत्थान की जद्दोजहद में जुटा हुआ है। अगर तथ्यों और इतिहास की बातों में कहीं कोई गलती और कोताही हो तो सुझाव जरूर दें। इसके लिए हम सभी देशवाली बंधुओं का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, साथ ही इस समाज की तरक्की के लिए खुदा से दुआ करते हैं। आमीन….
लेखक का तआरुफ़ (Introduction of Writer)
पेशेवर राइटर होने के साथ ही इरफान अली देशवाली एक शायर (Urdu Hindi Poet) भी है, गुलाबी नगरी जयपुर में रहते हैं और M.Tech (Electronics and Communication) किया हुआ है। गरीब नवाज़ की नगरी अजमेर के बिजयनगर शहर के रहने वाले इरफान भाई खाड़ी देशों की ख़बरों (Middle East News) के एक्सपर्ट और इस्लामिक कंटेंट के माहिरीन माने जाते हैं। ज़िन्दगी की धूप में तपकर और 18 सालों का तजुर्बा हासिल करके इंजीनियरिंग लेक्चरर से लेकर बैंकर, फैक्ट्री मैनेजर और अब बतौर कंटेट राइटर इरफान अली देशवाली अपने लाजवाब लफ़्ज़ों से लोगों को अपना बना रहे हैं। Rockshayar (रॉकशायर) के नाम से हिंदी उर्दू शायरी लिखते हैं।