Dojraj Ganesh Mandir: जयपुर। हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। फिर चाहे किसी दुकान की ओपिनंग, या मकान बनाने का शुरू करना हो या फिर शादी ब्याह या अन्य मंगल कार्य सबसे पहले गणेश की पूजा की जाती है। गणेश जी को कई सारे नामों से जाना जाता है, जैसे गणपति, मूषक नाथ, सिद्धि विनायक, गजानन और गणपति बप्पा।
आज देश और प्रदेश में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। गणेश के मंदिरों गणपति की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। इस मौके पर हम आपको एक ऐसे गणेश के अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहा हैं, जहां हिंदू नहीं मुस्लिम लोग भी शादी का पहला कार्ड गणेश जी को देते हैं। यह मंदिर राजस्थान के डीडवाना में स्थित है और इसे दोजराज गणेश मंदिर (Dojraj Ganesh Mandir) के नाम से जाना जाता है। यहां भगवान लंबोदर की 9 फीच ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है।
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राजस्थान के मंदिर में सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा
राजस्थान डीडवाना में दोजराज गणेश मंदिर में भगवान श्री गणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा है। अभी तक इससे बड़ी प्रतिमा सिर्फ इंदौर के गणेश मंदिर में हैं, जिसे बड़ा गणपति कहा जाता है। दोजराज गणेश मंदिर की महिमा की बात करें तो यहां कहा जाता ळै कि शादी का पहला निमंत्रण देने से हर काम बिना किसी रुकाउट के पूरा हो जाते हैं। इसीलिए यहां सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी आते हैं और भगवान गणेश को पहली पात्री चढ़ाकर उन्हें अपने निकाह का निमंत्रण देते हैं।
मुस्लिम भी देते हैं गणेश जी को निमंत्रण
दोजराज गणेश मंदिर के पुजारी रामावतार दाधीच का कहते हैँ कि यह मंदिर 160 साल पुराना है। कहा जाता है कि उस समय निरंजनी संप्रदाय के संत यहां से होकर नमक झील स्थित पाढ़ाय माता मंदिर जा रहे थे। इस दौरान जब वे इस स्थान पर रुके तो दुन्दराज नामक एक साधु ने मोण मटकी (बड़ी मटकी), मुरड़ और मिट्टी से भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा बनाई थी। जब यह बात डीडवाना के लोगों को पता चली तो उन्होंने इस स्थान पर प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। तबसे भगवान गणेश का यह मंदिर इसी स्थान पर स्थित है।
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