Diggi Kalyan Ji Yatra 2024 : राजस्थान के टोंक जिले में स्थित डिग्गी कस्बे में हर साल प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री डिग्गी कल्याण जी महाराज की लक्खी पद यात्रा का आयोजन किया जाता है। इसबार यह विशाल लक्खी पदयात्रा श्रावण मास में 11 अगस्त को शुरू हो रही है। इस यात्रा में कल्याण धणी के दर्शनों के लिए जयपुर और एमपी से पद यात्राएं आती हैं। जयपुर में यह यात्रा चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर जी के मंदिर से विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शुरू होती है।
15 अगस्त को पहुंचेगी जयपुर से डिग्गी कल्याण यात्रा
डिग्गी कल्याण पदयात्रा इसबार जयपुर ताड़केश्वर जी के मंदिर से शुरू होकर सांगानेर मदरामपुरा, रेनवाल फागी, निमेड़ा, चौसला होते हुए श्री जी महाराज डिग्गी 15 अगस्त को पहुंचेगी। जयपुर के ताड़केश्वर मंदिर से शुरू होने वाली इस विशाल लक्खी पदयात्रा में लाखों की संख्या यात्री शामिल होने वाले हैं। ये सभी भक्त श्री कल्याण जी महाराज के दर्शन करके अपने जीवन और राज्य में खुशहाली की प्राथना करेंगे।
जयपुर से डिग्गी की दूरी 85 किलोमीटर
जयपुर शुरू होने वाली डिग्गी कल्याण पदयात्रा राजस्थान की सबसे विशाल पदयात्रा है। इसमें जयपुर से डिग्गी तक लगभग 85 किलोमीटर यात्रियों का रेला होता है। इस पदयात्रा के दौरान यात्रियों के लिए भामाशाहों, समाजसेवी, संस्थाओं के द्वारा जयपुर से डिग्गी कस्बे तक नि:शुल्क भोजन के भंडारे लगाए जाते हैं। वहीं, इस यात्रा को लेकर प्रशासन की तरफ से भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। डिग्गी कल्याण मेले में लगभग 750 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाते हैं जो यहां पर हर तरह की सुरक्षा करते हैं। इस मेले के दौरान होमगार्ड, बाउंसरों, एनसीसी स्काउट कैडेट का भी सहयोग रहता है वहीं, आवश्यकतानुसार सीसीटीवी कैमरों की भी व्यवस्था की जाती है।
डिग्गी कल्याण यात्रा में पार्किंग की व्यवस्था
डिग्गी कल्याण पद यात्रा में दुपहिया और चौपहिया वाहनों को मंदिर से 5 किलोमीटर की दूरी पर ही पार्क करवाया जाता है। हालांकि, राजस्थान परिवहन निगम की बसें ही डिग्गी रोडवेज बस स्टैंड तक जाती हैं। इस यात्रा के दौरान भामाशाहों द्वारा रास्ते में यात्रियों के पानी भोजन आदि की निशुल्क व्यवस्था की जाती है। 15 अगस्त की शाम 4 बजे डिग्गी मीणा धर्मशाला से विशाल जुलूस के साथ शाही निशान लेकर कल्याण जी महाराज के झंडा चढ़ाने के लिए पदयात्रा रवाना होगी। आरती के समय गंगोत्री से लाए गए जल से डिग्गी कल्याण जी महाराज का अभिषेक किया जाता है। वहीं, दूसरे दिन दूसरे दिन एम से भी पदयात्रा पहुंचती है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु होते हैं।