होली का त्योहार शुरू होने में अब (Diya Kumari relationship with Jodhpur) ज्यादा समय नहीं बचा है और उससे पहले देशभर में फाग उत्सव शुरू हो गया है। कई लोग इस उत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाते है लेकिन इसके पीछे की कहानी के बारे में नहीं जानते है। लेकिन आज हम अपको राजस्थान में फाग उत्सव मनाने के पीछे की असली वजह बताने जा रहे है जो बहुत ही मजेदार है। बताया जाता है कि डिप्टी सीएम दीया कुमारी के पिता के जन्म पर शुरू फाग उत्सव शुरू हुआ था।
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92 साल पुरानी परंपरा
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में फाग उत्सव शुरू हुआ था और इसकी खास बात यह है कि (Diya Kumari relationship with Jodhpur) 1931 तक मंदिर की स्थापना और फाग उत्सव सामान्य रूप से आयोजित होते थे। लेकिन 1931 में जोधपुर की राजकुमारी मरुधर कंवर जयपुर राज घराने के कुलदीप भवानी सिंह को जन्म दिया तो तत्कालीन जोधपुर के महाराजा उमेद सिंह ने इस उत्सव को बड़े स्तर पर मानने का आदेश दिया। भवानी सिंह प्रदेश की डिप्टी सीएम दीया कुमारी के पिता थे। 35 दिन तक फाग उत्सव मनाया जाता है जिसमें प्रतिदिन 500 से ज्यादा लोग इसमें शामिल होते है। रंग सप्तमी तक इसका आयोजन होता है।
Diya Kumari का जोधपुर से रिश्ता
जयपुर के मानसिंह द्वितीय का विवाह जोधपुर की राजकुमारी मरुधर कंवर के साथ हुआ था। उनकी दो संतान हुई राजकुमारी प्रेम कुमारी और राजकुमार भवानी सिंह। दोनों जोधपुर रियासत के भांजा और भांजी थे। (Diya Kumari relationship with Jodhpur) भवानी सिंह के जन्म पर फाग उत्सव को बड़े स्तर पर मनाने की शुरूआत हुई थी। भवानी सिंह का विवाह पद्मिनी देवी से हुआ जिनसे उनकी बेटी दीया कुमारी है।