Doctors Strike In Rajasthan: राजस्थान में इस समय डेंगू, मलेरिया जोर पकड़ रहे हैं। एक ओर त्योंहार सिर पर हैं, तो दूसरी ओर मौसमी बीमारियों से जनता त्रस्ट है। लेकिन ऐसे में झोलाछाप डॉक्टरों की खूब मौज हो रही है। डॉक्टरों के पास जाने की जगह मरीज इन्हीं झोलाछाप डॉक्टरों का रुख कर रहे हैं। दरअसल जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ऐसे में एसएमएस हॉस्पिटल में मेडिकल सेवाएं बाधित हो रही हैं। इसी कारण से राजस्थानभर में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ये परेशानी कम होने की जगह दिनपरदिन बढ़ती जा रही है।
7 दिन सेक हड़ताल जारी
सवाई मान सिंह अस्पताल में बीते 7 दिन से चल रही हड़ताल में राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टर्स भी आज से साथ जुड़े। प्रदेश के अस्पतालों में इलेक्टिव सेवाओं का बहिष्कार शुरू हो गया है। यह आंदोलन राज्य भर में रेसिडेंट डॉक्टर्स की समस्याओं से जुड़ा हुआ है साथ ही साथ RG Kar मेडिकल कॉलेज में भी भूख हड़ताल के समर्थन में राष्ट्रव्यापी इलेक्टिव सेवाओं को बंद करने का आव्हाहन किया है।
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कड़े कदम उठाएंगें रेजिडेंट डॉक्टर्स
सवाई मन सिंह अस्पताल में इसी को लेकर GBM में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। जहां राज्य में मौसमी बीमारियों को देखते हुए इमरजेंसी सेवाओं को यथावत चलाये जाने का फैसला लिया गया। परंतु सरकार की ओर से मांगों पर कोई ध्यान नहीं लिए जाने की स्थिति में और JARD – Jaipur Association Of Resident Doctors अध्यक्ष डॉ मनोहर सियोल के खिलाफ आधिकारिक नोटिस निकालने से रेसिडेंट डॉक्टर्स में गुस्सा देखने को मिला। जो मेडिकल कॉलेज से त्रिमूर्ति सर्किल तक पैदल मार्च और विरोध प्रदर्शन को लेकर किया गया। ऐसे में सभी ने निर्णय लिया कि अगले दिन 48 घंटे में सरकार की ओर से सकारात्मक कदम न उठाए जाने पर आंदोलन को उग्र करना होगा।
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