जयपुर। वसुंधरा राजे का 1800 करोड़ रूपये का सपना अब पूरा होगा जिसके तहत द्रव्यवती नदी के अच्छे दिन आने वाले हैं। गौरतलब है की राजस्थान चुनावों में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है जिसके तहत अब बीजेपी की सरकार बन रही है। अब जल्द ही राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान भी हो जाएगा और सीएम पद की शपथ दिला दी जाएगी। इसी के साथ ही Dravyavati River के अच्छे दिन भी आने वाले हैं। क्योंकि यह वसुंधरा राजे का ड्रीम प्रोजेक्ट था जो गहलोत सरकार में अटक गया। इसकी वजह अमानी शाह नाला एकबार फिर द्रव्यवती नदी से गंदा नाला बन गया था।
आपको बता दें कि द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट (Dravyavati Nadi Project) की लागत 1800 रूपये है। यह पिछली बार वसुंधरा राजे सरकार द्वारा यह प्रोजेक्ट शहरों के सौंदर्यीकरण के तौर पर चलाया गया था। उस समय भाजपा सरकार ने अमानीशाह नाले (Amanishah Nala Jaipur) को सुंदर द्रव्यवती नदी (Dravyavati River) बनाने की योजना बनाई थी। इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने 1800 करोड़ रूपये खर्च किए। लेकिन इसके बावजूद यह नदी फिर नाले में बदल गई है। इस प्रोजेक्ट जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट्स की थी जिसने सरकार बदलते ही हाथ खींच लिए हैं। लेकिन अब भाजपा सरकार फिर से आ चुकी है।
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जयपुर के जिस अमानीशाह नाले को द्रव्यवती नदी बनया जा रहा वो राजनीति की भेंट चढ़ गया। पिछले भाजपा सरकार के समय गुजरात के साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर इसको पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा था, लेकिन गहलोत सरकार ने इसें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसका मतलब जनता की खून पसीने की कमाई के 1800 करोड़ रुपए नाले में बह गए।
द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को पूरा करने की डेडलाइन अक्टूबर 2018 दी गई थी। लेकिन अब 4 साल बीत जाने के बावजूद यह नदी फिर से दुर्गंध वाले नाला बन चुकी है। इस नाले के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह नरक बन चुकी है। आपको बता दें कि 47 किलोमीटर लंबी द्रव्यवती नदी में जिले के 300 से ज्यादा छोटे-बड़े नाले आकर मिलते हैं। इन नालों के पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ करके इस नदी में डाला जाता है। इस वजह से इसमें 5 एसटीपी लगाए गए हैं। लेकिन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स ने अब इन्हें बंद कर दिया।
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राजस्थान में एकबार फिर से भाजपा सरकार आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे डीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी के अच्छे दिन आने वाले हैं। वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनती हैं तो फिर से इस नदी की किस्मत चमक उठेगी। हालांकि, यदि वसुंधरा राजे सीएम नहीं भी बनती है तो भी भाजपा सरकार में इस नदी के अच्छे दिन आने की पूरी-पूरी संभावना है।
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