Madan Rathore News : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने राज्यसभा के शून्यकाल में बच्चों और युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति जैसे गंभीर विषय पर सदन का ध्यान आकर्षण किया। मदन राठौड़ ने कहा कि देश के 372 जिलों में 10.47 करोड़ से अधिक लोग नशे से प्रभावित है, इसमें विशेष रूप से 3.34 करोड़ युवा और 2.22 करोड महिला नशे की प्रवृत्ति से प्रभावित है, यह संख्या बेहद चिंताजनक है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में 15 अगस्त 2020 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने विशेष अभियान चलाकर नशा मुक्ति के लिए जागरूकता महा अभियान शुरू किया। इससे गैर सरकारी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों द्वारा समाज में नशे के दुष्प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है। राठौड़ ने सदन से मांग की कि बच्चों में नशे की रोकथाम के लिए प्रत्येक माह एक विशेष तलाशी अभियान चलाए जाने की कार्य योजना बनाई जाए। इस के साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया जाए।
नशे की लत एक गंभीर समस्या : मदन राठौड़
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने बताया कि एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 से 17 वर्ष आयु समूह के करीबन 1.5 करोड़ बच्चे और किशोर अल्कोहल, अफीम, कोकीन, भांग सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे है। देश के बच्चों में बढ़ती नशे की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है। नशीले पदार्थों का सेवन किशोरों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्थाएं ब्रह्मकुमारी, संत निरंकारी मंडल, आर्ट ऑफ लिविंग, अखिल विश्व गायत्री परिवार, श्री रामचन्द्र मिशन और इस्कॉन जैसे आध्यात्मिक एवं सामाजिक संगठनों को नशा मुक्ति अभियान से जोड़ा और आमजन में जागरूकता के लिए प्रयास किया।
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देशभर में चलाया जायेगा जागरूकता अभियान : Madan Rathore
मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने कहा कि यह अभियान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा नशीले पदार्थों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जागरूकता तथा मांग में कमी लाने के प्रयास एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से उपचार को शामिल करते हुए सुधान के एक तीन-आयामी प्रयास किए जा रहे है। जागरूकता अभियान में देशभर से आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, महिला मंडलों और महिला स्वयं सहायता समूहों का भी सहयोग मिल रहा है। इस दौरान पूरे देश में अब तक 30 लाख से अधिक छात्र स्कूलों और कॉलेजों जैसे 55,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और सत्रों का आयोजन किया गया है।
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