भरतपुर। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को जल्द ही ई-रिक्शा की सुविधा मिलने जा रही है। इसके साथ ही अब उद्यान परिसर के लिए पर्यटकों को नेचर गाइड लेना भी अनिवार्य होगा। उद्यान प्रशासन ने उद्यान परिसर के लिए ई-रिक्शा को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस स्वीकृति में 82 ई रिक्शा शामिल है। ई-रिक्शा की स्वीकृति के साथ ही उद्यान प्रशासन की ओर से शुल्क का भी निर्धारण किया गया है। पर्यटकों को इसका लाभ 1 जुलाई से मिल सकेगा।
जानकारी देते हुए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक नाहर सिंह ने बताया कि उद्यान के लिए ई रिक्शा संचालन की स्वीकृति दी गई है। वर्तमान समय की बात की जाए तो उद्यान में लगभग 120 पेडल रिक्शा चलाए जा रहे हैं। ई-रिक्शा की स्वीकृति को लेकर उद्यान प्रशासन की ओर से ई रिक्शा चालकों से भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। ई रिक्शा चालकों से चर्चा कर जल्द ही उद्यान प्रशासन 1 जुलाई से ई रिक्शा संचालित कर देगा। ई रिक्शा के संचालन को लेकर भी उद्यान प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई।
शुल्क रहेगा निर्धारित
ई रिक्शा में अधिकतम 4 पर्यटक ही बैठ सकेंगे। ई-रिक्शा का शुल्क निर्धारित किया गया है जिसके अंतर्गत प्रति घंटा 300 रूपए शुल्क रखा गया। यानी कि 3 घंटे का किराया 1200 रुपए होगा। और अगर पर्यटक ही ई रिक्शे का इस्तेमाल 3 घंटे से ज्यादा करते हैं तो प्रति घंटे के हिसाब से पर्यटकों को 300 रूपए का शुल्क देना होगा। इसके साथ ही जो नेचर गाइड पर्यटकों को उपलब्ध करवाया जाएगा उसका शुल्क भी निर्धारित किया गया है। नेचर गाइड को 300 रूपए प्रति घंटे के हिसाब से अतिरिक्त शुल्क देना होगा।