जयपुर। ओसियां विधानसभा सीट की जहाँ सभा मे हनुमान बेनीवाल ने सीडी का जिक्र कर दिया। उन्होंने लोगो से पूछा कि अगर कोई ओसियां घूमने आएगा तो यहाँ से क्या लेकर जाएगा। में तो यहाँ से सीडी लेकर ही जाऊंगा क्योंकि उस सीडी की चर्चा दिल्ली तक है। हर कोई सीडी के बारे में जानना चाहता है। ओसियां की विधायक दिव्या मदरेणा पर कटाक्ष करते हुए हनुमान बेनीवाल ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि ये लोग गिड़गिड़ाएंगे, जनता के बीच जाएंगे और वोट मांगेंगे, कहेंगे कि हमे जीता दो, उन्होंने ये भी कहा कि मेरी सरकार बनती है तो इनका क्या होगा ये आप समझ लीजिए। सभा मे उन्होंने इशारों इशारों में एक बार फिर मदरेणा की शादी करवाने की बात कह डाली।
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राजस्थान की राजनीति में इन दिनों बीजेपी कांग्रेस के अलावा ये दो जाट नेता काफी चर्चा में है। सूबे के दो जाट नेताओं की जुबानी जंग अब निजी होती जा रही है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बेनीवाल ने हाल के दिनों में कई मौकों पर दिव्या के परिवार सहित उनके निजी जीवन पर कई बार तंज कसे। उन्होने कहा कि मेरी सरकार बनती है तो इनका क्या होगा ये आप समझ लीजिए।
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बेनीवाल ने कहा कि ओसिया में तो झगड़ा भाजपा और आरएलपी का है। कांग्रेस तो टक्कर में ही नही। बेनीवाल का संकेत ये था कि कांग्रेस ओसियां में तीसरे नम्बर पर है अब देखना ये होगा कि वाकई कांग्रेस तीसरे नम्बर पर है। क्या वाकई बेनीवाल के मोर्चे के बाद कांग्रेस मुश्किल में आ जायेगी। फिलहाल यहाँ पर केवल मुश्किलें किसी और नहीं दिव्या मदरेणा की नजर आ रही है। उनकी मुश्किलें इसलिये बढ़ सकती है क्यों कि उनका राजनेतिक केरियर का ग्राफ जितना तेजी से बढ़ा, उनके बयानो के बाद वे अपनी ही पार्टी की नजर में खटक भी रही है, दिव्या की छवि हमेशा से ही आक्रामक नेता की रही है.मदेरणा कई मामलों में अपनी ही पार्टी के विरुद्ध खड़ी नजर आई। अन्दरखाने से यह भी चर्चा है कि क्या गहलोत दिव्या का साथ देगें। सवाल ये भी है कि क्या बेनीवाल और दिव्या मदेरणा के बीच बढ़ रही कड़वाहट से मारवाड़ की राजनीति में सियासी समीकरण बदलेगें।
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दोनो नेताओं की कडवाहट को लेकर सियासी गणित को ऐसे भी समझा जा सकता है नागौर में जाट राजनीति का एक जमाने में मिर्धा परिवार केंद्र माना जाता था जिनको हनुमान बेनीवाल ने अपनी राजनीतिक जमीन बनाकर कड़ी टक्कर दी है। बेनीवाल ने लगातार अपनी पार्टी को मारवाड़ और जाट बेल्ट में मजबूत किया है और खासकर युवाओं में एक क्रेज पैदा किया है। ऐसे में दिव्या मदेरणा का मारवाड़ क्षेत्र में अब हनुमान बेनीवाल से सीधा मुकाबला है जिसके चलते वह अक्सर उन पर हमलावर रहती है।
मदेरणा खानदान की वारिस हैं दिव्या
मारवाड़ की राजनीति में परसराम मदेरणा साल 1953 में चाड़ी गांव से सरपंच चुने गए थे। जिसके बाद मदेरणा परिवार का राजनीतिक सफर शुरु हुआ था जो पिछले 60 सालों लगातार जारी है. परसराम मदेरणा और महिपाल मदेरणा दोनों जाट नेताओं ने मारवाड़ की राजनीति में सालों तक अपना प्रभाव बनाए रखा. बताया जाता है कि दोनों बाप-बेटे जनता के साथ एक आत्मीय कनेक्शन के लिए जाने जाते थे. वहीं 2018 में दिव्या मदेरणा ने राजनीतिक का रूख किया और ओसियां से विधायक चुनी गई. हालांकि दिव्या छवि हमेशा से ही आक्रामक नेता की रही है।
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गौरतलब है कि मारवाड़ में लगातार बेनीवाल की पार्टी अपना विस्तार कर रही है। 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बनी आरएलपी ने बाड़मेर और नागौर के साथ जोधपुर में काफी अच्छी राजनीतिक जमीन तैयार कर ली है। विधानसभा में 3 विधायकों के अलावा बेनीवाल ने पिछले साल हुए पंचायती राज चुनावों में भी किस्मत आजमाने का फैसला किया और मदेरणा परिवार के गढ़ ओसियां में सेंध लगाने में कामयाब रहे।
ऐसे में हनुमान बेनीवाल और दिव्या मदेरणा की तल्खियों को हवा पिछले बरस पंचायत चुनाव के बाद मिलना शुरू हो गई थी. पंचायती चुनाव में पहली बार उतरी RLP ने जोधपुर जिले में शानदार प्रदर्शन किया और ओसियां में RLP की मदद से ही बीजेपी का प्रधान बना। ओसियां की 23 सीटों में कांग्रेस और बीजेपी के 11-11 सदस्य जीते और एक सदस्य RLP का जीता जिसने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग की.अब देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले की जाट नेताओं के बीच ये तकरार राज्य की सियासत में क्या नए समीकरण खड़े कर सकती है ये तो आने वाले दिनो में साफ हो जाएगा। बहरहाल दोनो नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। और इस सीट पर सभी दलों की नजर है।