Rajasthan ERCP MoU Signed: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ईआरसीपी को लेकर हुए एमओयू पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट के इस फैसले से बहुप्रतीक्षित ईआरसीपी का मार्ग प्रशस्त हुआ है। सीएम ने संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना को लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच हुए समझौते का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे दोनों राज्यों के किसानों और आमजन को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा PM Narendra Modi की दूरगामी सोच से फलीभूत हुए इस एमओयू से दोनों ही प्रदेशों को लाभ होगा। इस परियोजना के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल उपलब्ध होगा। साथ ही सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होने से फसल उत्पादन, किसानों की आय और खुशहाली बढ़ेगी। ऐसा होने से लगभग 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई जल एवं राज्य की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध होने की उम्मीद हैं।
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28 जनवरी को साइन हुआ था MoU
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में ईआरसीपी के संबंध में दायर की गई याचिका को निरस्त किया हैं। इसके पीछे की वजह बताते हुए कोर्ट ने कहा कि ‘संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।’ गौरतलब है कि गत 28 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में केन्द्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच ERCP परियोजना की संयुक्त डीपीआर बनाने के लिए त्रिपक्षीय एमओयू किया गया था।
इन 13 जिलों का जल संकट खत्म
ERCP के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक में पेयजल उपलब्ध करवाना संभव होगा। यही नहीं, राज्य के 2,80,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
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25 लाख किसान परिवारों को लाभ
राजस्थान के CM Bhajanlal Sharma के बयान के मुताबिक ERCP परियोजना से 13 जिलों के लगभग 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई जल मिलेगा। साथ ही राज्य की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। भूजल के स्तर में भी वृद्धि होगी। कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी तो किसान आय बढ़ेगी। रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। ईआरसीपी के तहत आने वाले क्षेत्रों में औद्योगिक जरूरतों के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा।