जयपुर। प्रदेश में लगातर बारिश व उमस के बाद अब लगातार आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी हैं। आई फ्लू के बढ़ते मरिजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सा विभाग भी अलर्ट हो गया हैं। स्वास्थ्य विभाग ने आई फ्लू से बचाव तथा इसके रोकथाम के लिए मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए हैं। चिकित्सा विभाग की और से बीमारी के रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार के निर्देश भी दिए गए हैं। बारिश के कारण मौसमी बिमारियों का खतरा भी बढ़ने लगा हैं। बदलते मौसम का असर आम जन जीवन पर देखने को मिल रहा हैं। प्रदेश में मौसम परिवर्तन होने के बाद से मौसमी बिमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है।
वर्तमान में सरकारी अस्पतलों के आउटडोर में आई फ्लू के रोगियों की कतारे लग रही है। बरसात के बाद यह रोग संक्रमण के कारण बढ़ता है। आई फ्लू के रोगियों की आंखों में सूजन, दर्द तथा पानी आना शुरू हो जाता है जिसके चलते रोगी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताया कि मौसमी परिवर्तन के कारण वर्तमान में आई फ्लू के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। अगर किसी की आंखों में जलन, सूजन, दर्द या फिर पानी आने की शिकायत हो तो संबंधित व्यक्ति को अस्पताल आकर अपनी आंखो की जांच करवाने के बाद चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही दवा का उपयोग करना चाहिए।
आई फ्लू रोग से पीडि़त रोगियों को अपने टावल आदि अलग से रखना चाहिए। बार-बार हाथों को साबुन से धोते रहना चाहिए। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार रात के समय हल्के गर्म पानी से सिकाव करते हुए दवा डालना चाहिए। आंखों में दर्द होने की स्थिति में चिकित्सक की सलाह के अनुसार दर्द निवाकर दवा का भी सेवन करना चाहिए।