- आंखें पथरा गई, छाले पड़ गए पर नहीं मिला श्याम
- 71 साल का बुजुर्ग पिता बेटे को तलाश रहा दर-दर
जयपुर। आंखों में उम्मीद और आंसू लिए एक बुजुर्ग पिता दर-दर भटक रहा है। अपने बेटे की तलाश में रेलवे स्टेशन और सड़कों पर रहने को मजबूर हैं एक पिता। मामला बिहार के जमुनिया भागलपुर खडीक बाजार थाने का है। दरअसल आज से 6 साल पहले खडीक बाजार थाना निवासी श्याम शर्मा 9 सितंबर 2017 को अपने घर से लापता हो गया था। घर से लापता हुए बेटे के वापस घर लौटने की उम्मीद में मां आज भी दरवाजे पर टकटकी लगाए बैठी रहती है। उस मां को आज भी उम्मीद है कि उसका बेटा आज नहीं तो कल जरूर वापस लौटेगा।
पिता के पैरों में छाले पड़ गए पर उम्मीद नहीं टूटी
71 साल के गीता शर्मा आज भी अपने बेटे की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पिता के पैरों ने जवाब दे दिया पर उम्मीद ने नहीं। पिता की आंखें आज भी उसी उम्मीद में है आज नहीं तो कल उसका बेटा उसे जरूर मिलेगा। उम्मीद के सहारे ही एक पिता ने बिहार से राजस्थान का सफर तय किया और अपने बेटे की तलाश शुरू की। बुजुर्ग पिता ने बताया कि उसका बेटा 9 सितंबर 2017 को घर से बंगाल बॉर्डर पर किशनगंज में पैसे कमाने के लिए गया था। उसके साथ गांव का ही रहने वाला भोला शर्मा भी साथ था। भोला तो अपने घर वापस लौट आया, लेकिन शाम आज दिन तक वापस नहीं लौटा।
खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर
बुजुर्ग पिता ने बताया कि रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं है। इसलिए कभी रेलवे स्टेशन तो कभी बस स्टैंड तो कभी खुले आसमान के नीचे रात गुजार लेते हैं। पिता ने बताया कि वह पूरे दिन इस कड़कती धूप में सड़कों पर अपने बेटे को ढूंढते रहते हैं। पिता की आंखों के अब तो आंसू भी सूख चुके हैं लेकिन फिर भी एक पिता अपने बेटे को हर कीमत पर ढूंढना चाहता है। हर किसी को उसकी तस्वीर दिखा कर उसका पता पूछते हैं। और शाम होते होते थक हार कर वहीं बैठ जाते हैं। अगले दिन फिर वही से एक नया सफर शुरू करते हैं। बुजुर्ग पिता ने बताया कि जब खाने को कुछ नहीं होता तो चने खाकर अपना पेट भर लेते हैं।
बुजुर्ग पिता ने बताया कि बिहार के ही रहने वाले किसी व्यक्ति का उनके पास फोन आया था जिसमें उसने बताया कि उनका बेटा अजमेर रेलवे स्टेशन पर है। जिसके बाद आंखों में एक उम्मीद की किरण लेकर बुजुर्ग पिता बिहार से अजमेर के लिए रवाना हुआ। पिता को आस थी कि आखिर में उसका बेटा उसे मिल ही गया, लेकिन जब बुजुर्ग पिता अजमेर पहुंचे तो उन्हें फिर से निराशा ही हाथ लगी। अजमेर की गली-गली में अपने बेटे को ढूंढ कर बुजुर्ग पिता अजमेर की जीआरपी थाने पहुंचे जहां अपने बेटे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई उसके बाद पिता अपने बेटे को ढूंढते भी दरगाह बाजार गए जहां दरगाह थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। जब पिता को अजमेर में कुछ नहीं मिला तो अपने बेटे को ढूंढते हुए बुजुर्ग पिता जयपुर पहुंचा। जयपुर की ऐसी कोई सड़क नहीं जहां बुजुर्ग पिता ने अपने बेटे को ना ढूंढा हो।
बच्चों का लालन पोषण करने में पड़े लाले
बुजुर्ग पिता ने बताया कि शयाम शादीशुदा है। और उसके तीन बच्चे हैं। जबसे बेटा लापता हुआ है तब से उनकी जिम्मेदारी भी अब बुजुर्ग पिता के कंधों पर आ गई है। बस अर्पिता ने बताया कि उनका एक और बेटा है जो पुणे में मजदूरी का काम करता है। जिसका नाम गोपाल शर्मा है। गोपाल अपने माता पिता के साथ अपने भाई के बच्चों की परवरिश करने का भी प्रयास कर रहा है। पिता ने बताया कि बेटे के लापता होने के बाद स्थानीय थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने यह कहकर रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया कि रिपोर्ट वही दर्ज होगी जहां से वह लापता हुआ है।