जयुपर। राजधानी जयपुर के मालवीय नगर में पुलिस ने एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। यहां कॉल सेंटर की आड़ में लोगों से ठगी की जा रही थी, दरअसल जयपुर में ठगी का कॉल सेंटर चल रहा था। एक महीने में ठग गैंग ने करीब चार सौ लोगों को करोड़ों का चूना लगाया। पॉश इलाके मालवीय नगर की एक बिल्डिंग में तीसरे फ्लोर पर ठगी का सेंटर चल रहा था। इस बीच पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने तीसरी मंजिल पर छापेमारी की। जिसके बाद ठगी का भंडाफोड़ किया, बता दें जालसाज फोन कर लोगों को ई-मित्र केंद्र या आधार कार्ड फ्रेंचाइजी देने का झांसा देते थे। झांसे में आने के बाद लोगों से मोटी रकम वसूली जाती थी। पुलिस ने पॉश इलाके में छापेमारी कर फर्जी कॉल सेंटर से तीन दर्जन मोबाइल, सीपीयू, मॉनिटर और कॉलिंग डेटा बरामद किया है।
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पुलिस ने किया फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़
यह काम केवल एक इंसान नहीं करता बल्कि उनकी पुरी टीम होती है जो केवल 15 से 20 हजार रुपये महीने की सैलेरी पर ये काम करते है। छापेमारी के दौरान ठगी में शामिल लोगों को पकड़ लिया गया है। इस कॉल सेंटर का संचालन पॉश इलाके में लोगों की नजरों से बचने के लिए किया जा रहा था। बता दें की डिजिटल अरेस्ट या ये फैक कॉल को लेकर जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उन सभी में ये कॉमन है कि ये कॉल्स अनजान नंबरों से या व्हाट्सएप पर आती हैं। यदि आपको फोन कर बोलता है कि वह पुलिस थाने से बोल रहा है, तो हमेशा याद रखें कि कभी भी पुलिस अगर फोन करती है तो CUG नंबर या लैंडलाइन नंबर से सामान्य कॉल करती है। पुलिस कभी व्हाट्सएप कॉल नहीं करती है।
जब भी व्हाट्सएप, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर अनजान नंबर या प्रोफाइल से कॉल आए तो न उठाएं।
(1) अगर पुलिस की फोटो लगे नंबर से कॉल आ रहा है, तब तो बिल्कुल भी कॉल रिसीव न करें।
(2) अगर फोन उठा भी लिया है तो घबराएं नहीं और अपने बारे में या बच्चों को लेकर कोई भी जानकारी शेयर न करें. फोन को तुरंत काटें।
(3) अगर फिर से फोन आ रहा है तो उसे उठाने के बजाय इसकी जानकारी पुलिस या संबंधी को दें।
(4) इस नंबर की एफआईआर भले न करें लेकिन पुलिस में शिकायत जरूर करें।
पुलिस में FIR जरूर दर्ज करवाएं
अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो तो आप उसकी शिकायत जरूर करें। लोग या तो नंबर को ब्लॉक कर देते हैं, या उसे ऐसे ही छोड़ देते हैं, या डिलीट कर देते हैं। यह समाधान नहीं है। आपको उस नंबर की डिटेल पुलिस को जरूर देनी चाहिए क्योंकि शिकायत के बाद यह नंबर साइबर सेल में रजिस्टर हो जाता है। अगर इससे कॉल्स होते हैं तो पुलिस उसको रिकॉर्ड भी करती है और अपराधी को पकड़ती भी है। इसलिए पुलिस में शिकायत जरूर करें।
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