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Pumpkin News : अक्सर देखा जाता है कि किसान भाई गर्मीयों की शुरूआत में बाड़ी लगाते है। जिसमें वो ज्यादातर सब्जियां और ककडी तरबूज बुवाई करते है। किसान भाई इन बुवाई मार्च-अप्रेल में करते है और जून में इन्हें बेचकर मुनाफा कमाते है, लेकिन कई बार उपज अच्छी नहीं हो पाती है और किसान भाईयों को खेती-बाड़ी में भी नुकसान हो जाता है। जिसकी वजह से किसान भाई बर्बाद हो जाते है। जिससे उनके ऊपर कर्जा चढ़ जाता है। जिसकी वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी फसल के बारे में बताने जा रहे है। जिसमें आपको नुकसान नहीं होगा, बल्कि आपके खेतों में बंपर पैदावार होगी और आप अच्छा खासा मुनाफा कमा पायेंगे। आइए जानते है इसके बारे में…….
बता दें कि किसान भाई खेती-बाड़ी में कद्दू की खेती की भी शुरूआत कर सकते है। जिसमें आप मोटी कमाई कर सकते है। वर्तमान में किसान कद्दू उगाने में कमाल ही कर दिया है। एक किसान ने प्राकृतिक रूप से इतना बड़ा कद्दू उगा डाला है….. जिसे देखकर लोगों के मुंह खुले के खुले रह गए है। जिसको उठाने के लिए लोगों की जगह JCB क्रेन का बुलाना पड़ा है। यह कद्दू देखने में एक कमरे की आकृति जैसा है। आज के किसान किसी वैज्ञानिक से कम नहीं जो नए-नए शोध कर ऐसे उन्नत किस्म के बीज बना देते हैं जिनसे कई टन वजन फल और सब्जी उत्पादित हो जाती है। विश्व का सबसे बड़ा कद्दू 2016 में जर्मनी के किसान मैथियास विलेमिजन्स के नाम है। इस कद्दू का वजन 1190.5 किलोग्राम था। जिसे उगाने की प्रक्रिया में विशेष तकनीक का उपयोग किया गया, जो कि बड़े कद्दू उगाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लखनऊ के मलिहाबाद के किसान योगेश कुमार ने 90 किलोग्राम वजनी कद्दू उगाकार भी रिकॉर्ड बना दिया है और यह दावा करते हैं कि इसको उगाने में किसी प्रकार के खाद या यूरिया आदि का इस्तेमाल नहीं किया गया है। कड़ी मेहनत और पसीन से यह कद्दू तैयार किया, जिसका नाम इन्होंने दशहरी कद्दू रखा है। ऑर्गेनिक तरीके से विकसित होने के कारण यह खाने में तो स्वादिष्ट है ही और इसका मूल्य भी ₹200 प्रति किलोग्राम तक होता है। किसान भाई इनसे इस कद्दू का बीज भी प्राप्त कर सकते हैं।
इसी के साथ भारत में सबसे बड़े कद्दू उगने का रिकॉर्ड बिहार के गोपालगंज जिले में रहने वाले किसान निखिल कुमार ने 2021 में बनाया था, जिन्होंने 300 किलोग्राम का कद्दू उगा कर खूब वहा-वाही लूटी थी।
सबसे पहले बड़ा कद्दू उगाने के लिए विशेष प्रकार के बीजों का चयन किया जाता है। यह बीज विशेष प्रजनन तकनीक के माध्यम से विकसित किए हुए होते हैं। खेत में उपजाऊ मिट्टी को अच्छे से गहराई तक जोत कर तथा कार्बनिक खाद मिलकर मिट्टी तैयार करनी चाहिए। कद्दू को नियमित रूप से पानी देना जरूरी होता है गर्मियों में विशेष रूप से जब फल बढ़ने लगे तो अधिक पानी की आवश्यकता होती है। पौधों को पोषण देने के लिए नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर खाद का उपयोग करना चाहिए। कद्दू के पौधों को किट से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग भी किया जाता है। फल के बढ़ते समय इसके चारों तरफ छोड़ने के लिए पौधों का उचित रूप से प्रबंध करना चाहिए। फल के आकार को बढ़ाने के लिए कुछ विशेषज्ञ फलों को थोड़ा सहारा भी देते हैं।
भारतीय किसानों को विशेष बीजों का उपयोग स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त करना चाहिए। कद्दू की फसल को आमतौर पर जुलाई से सितंबर के बीच बोया जाता है तथा फसल की कटाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच होती है, जब फसल पूरी तरह से विकसित हो जाये। इसकी फसल के लिए अनुकूल मौसम गर्मियों का होता है, जब तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस हो।
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