Delhi News : जयपुर/दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक ही परिवार के पांच लोगों द्वारा आत्महत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह दिल दहला देने वाली घटना रंगपुरी गांव की है। सूचना मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, आखिरकार ऐसी क्या मजबूरी थी जो एक पिता अपनी चार बेटियों के साथ आत्महत्या करने को मजबूर हो गया। आइए जानते है क्या पूरा माजरा?
जानिए बेटियों के साथ मजबूर पिता ने क्यों किया सुसाइड
बता दें कि यह मामला दिल्ली के वसंत कुंज इलाके का है, हालांकि इस घटना ने सभी को सौचने पर मजबूर कर दिया है कि एक पिता अपनी 4 बेटियों के साथ सुसाइड क्यों किया है, जहां एक पिता अपनी बेटी तरक्की और उसकी शादी करने के सपने देखता है। वहीं इस घटना ने सबकी टेंशन बढ़ा दी है। पड़ोसियों की मानें तो पीड़ित व्यक्ति की चारों बेटियां दिव्यांग थी। शुक्रवार सुबह सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पहुंची तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया और सभी शवों को बाहर निकाला गया, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि एक व्यक्ति और उसकी चार बेटियों ने सुसाइड क्यों किया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से लग रहा है कि पिता ने पहले सभी को साल्फज खिलाया और बाद में खुद खा लिया। पुलिस का मानना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद घटना का राज खुलेगा। पुलिस को शक है कि दिव्यांग बेटियों का पिता ने बुरी परिस्थितियों के कारण से सुसाइड जैसा कदम उठाया होगा।
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कारपेंटर का काम करता था मृतक युवक
बता दें कि पीड़ित हीरालाल कारपेंटर का काम करता था और पत्नी की मौत एक साल पहले कैंसर से हुई थी। उसके बाद हीरलाल अकेला पड़ गया था। पत्नी की मौत के कारण हीरालाल पूरी तरह टूट चुका था। पिता सीसीटीवी फुटेज में 24 तारीख को घर के अंदर जाते दिखा है, उसके बाद से घर का दरवाजा अंदर से बंद था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक कारपेंटर की चारों बेटियां दिव्यांग थीं। पुलिस ने कहा, चारों बेटियां दिव्यांग होने की वजह से चलने फिरने में असमर्थ थीं। इनमें से एक बेटी को आंख से दिखता नहीं था एक को चलने की में परेशान थी। बता दें कि हीरालाल पिछले 28 साल से इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर वसंत कुंज में बढ़ई के पद पर काम करता था और बेटियों के इलाज के चक्कर में जनवरी 2024 से वह वहां अपनी ड्यूटी पर नहीं जा रहा था। मृतक के भाई मोहन शर्मा के मुताबिक मृतक ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद पारिवारिक मामलों में रुचि लेना बंद कर दिया था। हमेशा किसी न किसी अस्पताल में अपनी बेटियों के इलाज में व्यस्त रहता था और पत्नी की मौत के बाद वो पूरी तरह से टूट चुका था। वो बहुत टेंशन में रहता था।
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