भक्तों ने किए मईया के दर्शन
भरतपुर। क्षेत्र में बयाना के झील का बाङा में नवरात्रि पर भरने वाले मेले में दुर्गाष्टमी और नवमीं पर मईया के दर्शनों के लिए आस्था का सैलाब उमङ पङा। नवरात्रों में घरों और मंदिरों में भक्ति का माहौल रहा। देवी उपासिकों ने अष्टमी और नवमी पर देवी मां की विशेष पूजा अर्चना की। माता के दर्शनों के लिए सुबह से ही राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों से आए श्रद्धालुओं के आने का दौर शुरू हो गया। मंदिर भवन के बाहर दिनभर श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। दुर्गाष्टमी पर राजराजेश्वरी कैला माता का विशेष शृंगार किया गया। इस दौरान लगभग 1 लाख से अधिक भक्तों ने आज मईया के दर्शन किए। दुर्गाष्टमी पर मंदिर में महाआरती और विशेष अनुष्ठान का आयोजन हुआ। नवमी पर माता का विशेष भोग लगाया गया। घंटे-घड़ियालों की ध्वनि और माता के जयकारों से पूरा मेला परिसर गुंजायमान हो उठा। कैला देवी झील का बाड़ा के लक्खी मेले में देवस्थान विभाग भी डिजिटल मोड पर दिखा।
माता को लगाया हलवा, चना, पूङी का भोग
देवस्थान विभाग की ओर से भक्तों से ऑनलाइन चढ़ावा राशि लेने की भी व्यवस्था की गई। इसके लिए देवस्थान विभाग की ओर से मंदिर भवन परिसर में क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए प्रिंटेड बॉक्स लगाया गया। श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर उन्हें बीड़ा, पान, बताशे, हलवा, चना और मिठाई का भोग अर्पित किया। मंदिर भवन में महिला श्रद्धालुओं ने नगाड़े की धुन पर नृत्य कर मां को रिझाया। श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ को देखते हुए मेले में तैनात पुलिसकर्मियों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान डिप्टी एसपी दिनेश यादव और एसएचओ हरिनारायण मीणा ने कानून व्यवस्था का मोर्चा संभाला। मेले में मौजूद राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि बुधवार को करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। नवमीं पर माता की महा आरती की गई।
मेले में सजी दुकानें
मेले में विभाग द्दारा अलोर्ट की अस्थाई दुकानों को जोरदार सजाया गया। माता के दर्शनों के बाद महिला श्रद्धालुओं ने परंपरा का निर्वाह करते हुए मेले में सजी दुकानों पर कांच की हरी चूड़ियां पहनी और हाथों में मेहंदी भी लगवाई। मेले में बड़ी संख्या में छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार कार्यक्रम भी हुए। इसके साथ ही महिला, पुरुष एवं बच्चों ने जरुरत के हिसाब से मेले में खरीददारी की।
भक्तों ने काली सिल में कीए स्नान
मेले में आए श्रद्धालुओं ने रवि कुंड और काली सिल में स्नान कर और हाथ मुंह धोकर माता के दर्शन किए। मेला परिसर में कैलादेवी क्षेत्र विकास संस्थान की ओर से शीतल जल प्याऊ लगाई गई है।
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