जयपुर। राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर जैसलमेर पहुंची। यहां तनोट और भादरिया राय शक्तिपीठ में दर्शन और पूजा करने के बाद कार्यकताओं से मिली। राजे के दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। राजे ने जैसलमेर में कहा कि इस बार कमल के फूल को खिलाना है, राजस्थान में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ आए इसके लिए हर कार्यकर्ता को एकजुट होकर पार्टी को जीत दिलाना है। इससे पहले कोटा में देव दर्शन यात्रा के सवाल पर मीडिया से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आप सब जानते हैं कि जब भी मैं कोई महत्वपूर्ण काम शुरू करती हूं तो सबसे पहले चारभुजाजी के दर्शन करने जाती हूं।
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सैनिकों की देवी के नाम से भी मशहूर
अलौकिक चमत्कारों का यह मंदिर राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाक सीमा पर स्थित 1200 साल पुराना तनोट मातेश्वरी मंदिर है। यह मंदिर गोल्डन सिटी जैसलमेर से 120 किमी दूर है। वैसे, 1965-71 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान माता के चमत्कारों के कारण इस देवी को सैनिकों की देवी कहा जाता है, साथ ही यह देश भर से आने वाले भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बन गई है। मंदिर परिसर में एक रुमाल घर भी बना हुआ है, जहां लाखों रुमाल बांधे जाते हैं। इस रूमाल घर में भक्त अपनी मनोकामना के लिए मन्नत रूमाल बांधते हैं। इस मंदिर की पूजा और देखभाल बीएसएफ के जवान ही करते हैं, बीएसएफ के जवान ही इसके पुजारी हैं। वह प्रतिदिन की आरती इतने शानदार होती है कि सुनने वाला भी अभिभूत हो जाता है।