Friendship Day : राजनीति के बारे में यही कहा जाता है कि इसमें ना कोई किसी का दोस्त होता है ना किसी का दुश्मन। क्योंकि राजनीति को पूरी तरह से संभावनाओं का खेल माना गया जिनके आधार पर सिंहासन के शीर्ष तक पहुंचना होता है। लेकिन, आपको बता दें कि राजनीति में भी कई लोगों की दोस्ती का ऐसा रंग चढ़ता हुआ दिखाई देता है जो मिसाल बन जाता है। भारतीय राजनीति में भी दोस्ती की कई ऐसी कहानियां हैं, जो देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर हैं। हालांकि, कुछ नेताओं की दोस्ती आगे चलकर स्वार्थ की भेंट चढ़ गई। ऐसे में Friendship Day 2024 के मौके पर हम आपको ऐसे ही राजनेताओं के बारे में बता रहे हैं जिनकी दोस्ती के किस्से लोग सुनाते हुए नहीं थकते। तो आइए…
वाजपेयी और आडवाणी का रिश्ता दोस्ती से भी बढ़कर था। ये दोनों नेता राजनीति में भी लगभग एक ही समय में आए और संघर्ष भी साथ ही किया। 1998 में जब भाजपा इकलौती बड़ी पार्टी के रूप में उभरी तब रथयात्रा को लेकर बहुत ही चर्चित हुए आडवाणी ने अपनी राजनीतिक महात्वाकांक्षा का त्याग करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी के लिए भारत का प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त किया।
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की दोस्ती तो जग जाहिर है। इन दोनों नेताओं के बीच दोस्ती लगभग 40 साल पुरानी है जो आज मिलकर देश चला रही है। ये दोनों ही नेता RSS के जरिए एक दूसरे से मिले थे। इसके बाद जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम बने तो अमित शाह को गृह राज्य मंत्री बनाया गया। मोदी आज जब प्रधानमंत्री हैं तो अमित शाह गृह मंत्री हैं। भारतीय राजनीति में आज भी कोई दूसरा अमित शाह और मोदी की दोस्ती के पास फटकता नजर नहीं आता है। मोदी और शाह की इस सफल जोड़ी में दोस्ती के साथ्ज्ञ ही राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में दोनों की कड़ी मेहनत भी है।
यह भी पढ़ें : Friendship Day : भारत से इन 5 देशों ने निभाई सच्ची दोस्ती, पूरी दुनिया है कायल
अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी जब आपस में मिले थे तो दोनों उम्र क्रमश: 4 और 2 साल थी। इन दोनों की मुलाकात यूपी के प्रयागराज में ‘बिग बी’ के जन्मदिन की पार्टी में हुई थी। अमिताभ की मां तेजी बच्चन और राजीव गांधी की मां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दोनों मित्र थीं। इंदिरा गांधी अमिताभ बच्चे को अपना तीसरा बेटा मानती थीं। जब इंदिरा गांधी की मौत हुई तो बिग बी उनकी अंतिम यात्रा में पहुंचे और पूरे समय उनके शव के पास ही बैठे रहे।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दोस्ती भी गजब की रही है। हालांकि, राजनीति में कई बार ऐसे दौर भी आए जब ये दोनों मित्र एक दूसरे के धुर विरोधी बन गए। नीतीश कुमार ने कई बार राजनीतिक पैंतरे बदले और लालू की दोस्ती को छोड़कर भाजपा के साथ खड़े नजर आए। हालांकि, अभी भी दोनों के बीच दोस्ती है, लेकिन सियासत की जरूरत से अधिक कुछ और नहीं।
यह भी पढ़ें : Friendship Day : इन 5 गुणों वाले व्यक्ति को ही बनाएं अपना दोस्त, सुखी हो जाएगा जीवन
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह बीच इतनी गहरी दोस्ती थी कि मुलायम ने उन्हें समाजवादी पार्टी का महासचिव बना दिया। 2002 में जब पहली बार सैफई महोत्सव का आयोजन हुआ तो अमर सिंह अमिताभ बच्चन से लेकर कई बॉलीवुड हस्तियों को लेकर वहां पहुंचे थे। जिस प्रकार से बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियां सैफई महोत्सव में पहुंची थीं उसें देखकर पूरा यूपी चौंक गया। मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह की पहली भेंट एक हवाई यात्रा के दौरान हुई थी। जब साल 1996 में मुलायम सिंह यादव हवाई यात्रा कर रहे थे तो उसी फ्लाइट में मुलायम सिंह भी मौजूद थे और दोनों की मुलाकात हो गई। उस समय मुलायम सिंह यादव देश के रक्षामंत्री हुआ करते थे। हालांकि, उम्र के आखिरी पड़ाव में अमर सिंह और मुलायम की यह दोस्ती खटाई में पड़ गई थी।
Subodh girls college hindi pakhwada: सुबोध पी.जी. महिला महाविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत कार्यक्रम…
ECGC PO Recruitment 2024: भारत सरकार की ओर से ईसीजीसी में पीओ की भर्तियां निकाली…
Food Safety Department Raid: चटख लाल तड़के वाली मलाई कोफ्ता हो या कोई और रेस्टोरेंट…
Pakistan zindabad in bhilwara Rajasthan: राजस्थान में आपत्तिजनक नारों से एक बार फिर माहौल बिगड़…
SDM Priyanka Bishnoi Death : राजस्थान की मशहूर RAS अधिकारी SDM प्रियंका बिश्नोई जिंदगी की…
Mewaram Jain meets Ashok Gehlot : जयपुर। सीडी कांड के बाद मुंह छिपाने को मजबूर…