- वाहनों की पूजा के लिए लंबी लाइन
- करीब 760 साल पुरानी है प्रतिमा
- गणेशजी के सिंजारे की मेहंदी लगाने से जल्दी होती है शादी
जयपुर। देश में कई सारे प्रसिद्ध मंदिर है। लगभग सभी स्थानों पर गणेशजी के मंदिर होते हैं, जिनकी कोई न कोई खासियत होती है। ऐसा ही एक चमत्कारिक और प्रसिद्ध मंदिर जयपुर में स्थित है। जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर की एक नहीं कई सारी खासियत है। तो चलिए जानते हैं मंदिर की इन खास बातों के बारे में-
वाहनों की पूजा के लिए लंबी लाइन
जो भी व्यक्ति नया वाहन खरीदता है तो शो-रूम से सीधा इसी मंदिर में लेकर जाता है। ऐसा माना जाता है कि मोती डूंगरी के मंदिर में वाहन ले जाने से उसका एक्सीडेंट नहीं होता। ऐसे में नवरात्रा, रामनवमी, दशहरा, धनतेरस और दीपावली जैसे खास मुहूर्त पर वाहनों की पूजा के लिए यहां लंबी लाइन लग जाती हैं।
करीब 760 साल पुरानी है प्रतिमा
इतिहासकारों से जो जानकारी मिलती है उससे पता चलता है कि यहां स्थापित गणेश प्रतिमा जयपुर नरेश माधोसिंह प्रथम की पटरानी के पीहर मावली से 1761 ई. में लाई गई थी। उस समय प्रतिमा पांच सौ साल पुरानी थी। जयपुर के नगर सेठ पल्लीवाल यह मूर्ति लेकर आए थे और उन्हीं की देख-रेख में मोती डूंगरी की तलहटी में इस मंदिर को बनवाया गया था।
यह भी पढ़े-Janmashtami Song : इन गानों के बिना अधूरी है जन्माष्टमी, सुनते ही झूम उठते हैं भक्त
गणेशजी के सिंजारे की मेहंदी लगाने से जल्दी होती है शादी
यहां मेहंदी पूजन और सिंजारा उत्सव मनाया जाता है। इस मेंहदी को लेने के लिए बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियां पहुंचते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां के सिंजारे की मेहंदी अविवाहित युवक-युवतियां लगाते हैं तो उनकी शादी जल्दी होती है। गणेशजी को लगाई जाने वाली मेहंदी शुभ मानी जाती है।