माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार देर रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई। हत्या उस समय हुई जब पुलिस दोनों भाईयों को मेडिकल के लिए अस्पताल ले जा रही थी। इस समय पुलिस के साथ कुछ पत्रकार भी साथ-साथ चलते हुए अतीक और अशरफ से केस को लेकर कुछ सवाल-जवाब कर रहे थे। इसी बीच अचानक उनमें से तीन हमलावर जो पत्रकारों के भेस में साथ चल रहे थे।
पुलिस सुरक्षा के घेरे को तोड़ते हुए माफिया के पास आए और अतीक के सिर पर गोली मारी, फिर अशरफ पर भी फायरिंग कद दी। दोनों भाई उसी समय जमीन पर गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अतीक की मौत की खबर जैसे ही प्रयागराज जेल में बंद अतीक के दूसरे नंबर के बेटे अली को मिली वो भी सदमें में बेहोश हो गया। वहीं अतीक के दो अन्य नाबालिग बेटे राज रूपपुर बाल सुधार गृह में बंद हैं। घटना के बाद ही शनिवार देर रात प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर समेत कई जिलों के संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया गया। दोनों उमेश पाल हत्या के दोनों आरोपियों की हत्या के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है।
मेडिकल बना मौत का कारण
शनिवार रात करीब 10.35 बजे तीन हमलावर मीडियाकर्मियों के रूप में वहां आए थे। जिन्होंने उनके साथ चलते हुए पुलिस की मौजूदगी में अतीक की कनपटी पर पिस्टल तानी और फायरिंग कर दी। एक सेकेंड से भी कम समय में कई फायरिंग दोनों भाईयों अतीक-अशरफ पर हुई। जिससे वे जमीन पर गिर गए। इसके कुछ सेकेंड में ही दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि पुलिस एक भी गोली नहीं चला पाई।
मीडियाकर्मी बनकर आए हत्यारे
अतीक और अशरफ के हमलावर मीडियाकर्मी बनकर वहां आए थे। जिन्हें गोली मारते ही पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य बताए जा रहे हैं। इस हमले के बाद ही तीनों हमलावरों ने सरेंडर भी कर दिया। जानकारी के अनुसार अरुण कासगंज, लवलेश बांदा, और सनी हमीरपुर के रहने वाले बताए जा रहे हैं। फिलहार पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है। उनसे हथियार भी मौके पर ही बरामद कर लिए गए हैं। इस हमले में वहां मौजूद कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी जो अस्पताल में भर्ती है।
सालों की दहशत सेकेंड में खत्म
अतीक के बेटे असद की झांसी में मौत के बाद शनिवार सुबह 10 बजे उसका जनाजा उठा था। वो वहां गुरुवार को एन्काउंटर में मारा गया था। उसके जनाजे में प्रयागराज के कब्रिस्तान में सिर्फ रिश्तेदार ही आए थे। इस समय अतीक-अशरफ भी वहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में थे।