जयपुर। गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को एक और बड़ा तोहफा दे दिया हैं। राजस्थान सरकार की ओर से मानसून सत्र में किसानों के लिए कर्ज राहत अयोग बिल पास किया गया। राजस्थान विधानसभा के आठवें सत्र की कार्यवाही के दौरान कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक पारित किया गया। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने विधेयक को सदन मे विचारार्थ प्रस्तुत किया। जिसके बाद इस विधेयक पर चर्चा की गई और इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।
इस बिल के ध्वनिमत से पारित होने के साथ ही अब किसान कर्ज राहत आयोग बनाने का रास्ता भी साफ हो गया हैं। कर्ज राहत आयोग बिल के आने से एक कानून व्यवस्था लागू होगी। किसानों को फसल खराब होने पर कर्ज वसूली माफ तथा संकटग्रस्त किसान का दर्जा भी मिलेगा। इसके साथ ही इस बिल के अनुसार किसी भी किसान की जमीन निलाम नहीं होगी। इस बिल में ब्याज की दरों में कमी को भी प्रावधान हैं। किसानों से जुड़े मामलों को सिविल नियमों के तहत ही निपटाया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की और से किसानों को बड़ी सौगात दी गई हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार यह बात कह चुके हैं। हमारा देश कृषि के बिना प्रगति नहीं कर सकता हैं। सरकार की और से चार साल में 22 लाख किसानों का कर्जा माफ किया गया हैं। राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023 में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग गठित करने का प्रावधान भी हैं। इस कानून के जरिए आयोग का गठन किया जाएगा जो किसानों को राहत प्रदान करने का कार्य करेगा।