- सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
- आगंतुकों के लिए स्पेशल गेस्ट रूम
- जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतरीन समन्वय
- 444 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ प्रोजेक्ट
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावों से पहले विधायकों को बड़ा गिफ्ट दिया है। गहलोत ने विधायकों के दिल में भी जगह बना ली है। शनिवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा विधायक नगर (पश्चिम) में निर्मित विधायक आवास परियोजना का लोकार्पण किया। 444 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह बड़ा प्रोजेक्ट रिकॉर्ड के साथ 23 माह में बनकर तैयार हो गया।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
छह बहुमंजिला टॉवर में 3200 स्क्वायर फीट वाले कुल 160 फ्लैट्स में विधायकगणों की सुरक्षा का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। पूरे परिसर के कॉमन एरिया (पार्किंग, ड्राइव-वे, बेसमेंट, लिफ्ट) में 80 से ज्यादा अत्याधुनिक और हाई रेंज के सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। परिसर में डबल बेसमेंट में स्मार्ट पार्किंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसमें दोनों मंजिलों को मिलाकर 921 चौपाहिया वाहन-ईसीयू (इक्वेलेंट कार यूनिट) एक साथ पार्क किए जा सकेंगे।
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आगंतुकों के लिए स्पेशल गेस्ट रूम
परिसर के प्रत्येक ब्लॉक में विधायकगण से मिलने के लिए क्षेत्र से आने वाले आगंतुकों के लिए ग्राउंड फ्लोर पर रिसेप्शन, वेटिंग लॉन्ज, एडमिनिस्ट्रेटिव मीटिंग हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल, ड्राइवर डोरमेट्री कक्ष, लिफ्ट, सर्विस लिफ्ट और हर ब्लॉक पर 26 गेस्ट रूम भी बनाए गए हैं। एलौपेथी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
विधायकों ने गहलोत के प्रोजेक्ट को सराहा
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि राज्य सरकार ने विधायक आवास परियोजना की पहल की तथा इसे रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया। यह सराहनीय बात है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से जनप्रतिनिधियों एवं उनके परिवारों को बेहतर आवासीय सुविधाएं मिल सकेंगी। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न समस्याओं का निराकरण करके विधायक आवास परियोजना के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया गया।
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जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतरीन समन्वय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विजन 2030 के तहत राज्य को विकसित श्रेणी के राज्यों में लाना हमारा लक्ष्य है। राज्य में पक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतरीन समन्वय की स्वस्थ परम्परा रही है। जनहित के कार्यों में सभी दलों का परस्पर सहयोग से कार्य करना एक परिपक्व लोकतांत्रिक व्यवस्था का परिचायक है।