जयपुर– राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी है। राजस्थान में भाजपा कांग्रेस एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप के बजाय अपने ही नेताओं पर आरोप प्रत्यारोप में लगी हुई है। पूर्व डिप्टी सीएम पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच शह और मात का खेल शुरू हो चुका है। सचिन पायलट अब आर पार का ऐलान कर चुके है। सचिन पायलट अब मुख्यमंत्री गहलोत की बाजी पलटने के लिए अजमेर से कदमताल शुरू कर रहें है। हालांकी अब देखना यह होगा पायलट के इस कदमताल से कितने विधयक व नेता कदम ताल मिलाते है। सचिन पायलट ने भजपा के राज में हुए करप्शन पर कार्रवाई की मांग पर गहलोत पर जमकर निशाना साधा। सचिन पायलट ने कहा अब जनता न्याय करेगी। अब यह लड़ाई जनता के बीच लड़ी जाएगी।
क्या कांग्रेस को हराने की ठानी सचिन और गहलोत ने?
अशोक गहलोत सरकार लगातार दावा कर रहीं है वह सरकार फिर से रिपीट करेंगे। प्रदेश में सरकार बनाने की पूरजारे कोशिश पर पार्टी की अंदरूनी लडाई भारी पड़ रही है। पायलट व गहलोत के बीच बगावती सुर तेज होते जा रहे है। पार्टी के दोनो बड़े नेताओं के बीच का द्वंद अब सार्वजनिक हो चुका है। जुलाई 2020 के बाद पायलट के बगावती सुर ने पार्टी की धडकने तेज कर दी थी। पार्टी के दोनो ही नेता अब खुल कर एक दुसरे पर तंज कसने से पीछे नहीं रहते। कहीं गहलोत और पायलट के यह बगावती सुर पार्टी की नैया ना डुबा दे।
सचिन पायलट की संघर्ष यात्रा का मजाक आखिर किस पर पड़ेगा भारी
कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा आज से शुरू होने जा रही है। क्या यह यात्रा कोई मजाक तो नहीं। कांग्रेस के मीडिया सेल के अध्यक्ष पवन खेड़ा सचिन पायलट की यात्रा को मजाक ही समझ रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले सचिन पायलट ने अपने बगावती सुर बुलंद करते हुए बगावती बिगुल में आखरी फूंक मारने का प्रयास किया है। सचिन पायलट का कुर्सी के प्रति मोह और मुख्यमंत्री गहलोत की कुर्सी नहीं छोड़ने की जिद कांग्रेस पर भारी पड़ती हुई नजर आ रही है। दोनों ही नेता एक दूसरे पर बयानों की बमबारी करते पीछे नहीं हट रहे। पायलट ने अब साफ कर दिया है उन्हें किसी पर भरोसा नहीं पायलट अब खुद के भरोसे पर मैदान में उतर चुके हैं। कहीं सचिन पायलट अपनी पार्टी के लिए विपक्ष की भूमिका तो नहीं निभा रहे। सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और युवाओं की आशंकाओं को मुद्दा बनाकर मोर्चा खोलकर बैठे हैं। यदि सचिन पायलट को समर्थन मिलता है तो उसका फायदा आखिरकार होगा किसको। क्योंकि सचिन पायलट तो खुद अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
सचिन पायलट ने कहा जनता करेगी न्याय
जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान बढ़ रहा है उसी तरह राजस्थान की राजरीति में हो रहे उथल– पुथल ने तापमान बढ़ा दिया है। अब इस राजनीतिक अखाड़े में गहलोत व पायलट एक दुसरे पर निशाना साधे बेठे है। दोनो ही नेता एक दुसरे पर हमालव हो रहे है। पायलट लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहें हे। लेकिन पायलट को न्याय नहीं मिला अब ऐसे में पायलट ने जनता से उम्मीद लगा ली है। पायलट को जनता पर पुरा भरोसा है पायलट अब जनता के बीच जा कर बात करेगे इसके लीए पायलट ने अजमेर से कदमताल शुरू कर दी है। पायलट ने साफ कर दिया है वह अपनी लड़ाई जारी रखेगे। वह तब तक लड़ेगे जब तक जनता न्याय नहीं कर देती।
क्या सचिन भी चल पड़े हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर?
सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर जमकर हमला बोला पायलट ने कहा मुझे निकम्मा, नाकारा, गद्दार तक कहा गया है। सियासत के ग्लीयारों में सियासी र्चचाएं तेज हो गई है क्या पायलट भी अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ओर दूसरे पूर्व कांग्रेस नेताओं की राह पर चल चुके है। पायलट ने कांग्रेस को सही समय पर सही निर्णय की सलाह दी थी। भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ जंग छेड़ कर बेठे हे। अब ऐसे में हर कोई कयास लगाने लगा है कही पायलट भी सिंधिया की राह पर चल पड़े हे।