उदयपुर। राज्य में दस साल बाद हो रही राज्य पात्रता परीक्षा रविवार को राज्य के सातों संभाग मुख्यालयों अजमेर, भरतपुर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर पर शांतिपूर्ण संपन्न हुई। परीक्षा में कुल 1,35,32 पंजीकृत परीक्षार्थी में 1,09,803 उपस्थित रहे। इस प्रकार उपस्थिति प्रतिशत 81.14 रहा।
सफल रहा राज्य स्तरीय परीक्षा का जीजीटीयू मॉडल
राज्य पात्रता परीक्षा के आयोजन की नोडल एजेंसी गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बाँसवाड़ा के कुलपति प्रो आई वी त्रिवेदी ने राज्य में पहली बार परीक्षा आयोजन में अनेक नवाचार किए। इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण बदलाव पेपर्स को एग्जाम सेंटर पर भिजवाए जाने की व्यवस्था में बदलाव किया। इस बार सभी पेपर्स अधिकृत एजेंसी द्वारा सीधे परीक्षा केन्द्रों पर गोपनीय ढंग से भिजवाए गए। इसी प्रकार प्रत्येक केंद्र पर हर रूम की मैपिंग की गई एवं प्रत्येक रूम में ही न केवल पेपर रीक्षार्थियों के सामने खोले गए बल्कि उसी रूम में ही प्रयुक्त ओएमआर शीट सील की गई। इस व्यवस्था ने न केवल परीक्षा की प्रामाणिकता को बढ़ाया अपितु इससे परीक्षार्थियों और केंद्र पर नियुक्त कार्मिकों को भी सुविधा मिली।
उदयपुर केंद्रीय कंट्रोल रूम से हुई सघन निगरानी
राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा की न केवल सीसीटीवी द्वारा मोनिटरिंग की गई बल्कि केन्द्रीय उदयपुर सुखाडिया विश्वविद्यालय में स्थापित कण्ट्रोल रूम से राज्य के सभी केन्द्रों की सघन निगरानी की गई एवं जहाँ ज़रूरत लगी वहाँ तुरन्त निर्देश प्रदान किए गए। केन्द्रीय कंट्रोल रूम में सभी केन्द्रों के लाइव टेलीकास्ट द्वारा जीजीटीयू कुलसचिव गोविन्द सिंह देवड़ा, सेट समन्वयक डॉ मनोज पंड्या, सेट नोडल अधिकारी डॉ नरेंद्र पानेरी, सेट समिति सदस्यों प्रकाश परमार, पीयूष पंचाल ने सघन निरीक्षण किया। परीक्षा के दौरान सबसे पहले मुख्य द्वार पर मेटलडीटेक्टर द्वारा फ्रिस्किंग की गई। द्वितीय स्तर पर पुलिस कार्मिक द्वारा जांच की गई तथा केंद्र के फ्लाइंग स्क्वाड द्वारा जाँच की गई।
यह रहा उपस्थिति का प्रतिशत
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अजमेर में 81.57 प्रतिशत, भरतपुर में 82.48 प्रतिशत, बीकानेर में 79.15 प्रतिशत, जयपुर में 82.61 प्रतिशत, जोधपुर में 82.91 प्रतिशत, कोटा में 87.65 प्रतिशत तथा उदयपुर में 72.29 प्रतिशत उपस्थिति रही। इस प्रकार राज्य में कुल उपस्थिति 81.14 प्रतिशत रही।
सफल रहे नवाचार: कुलपति त्रिवेदी
कुलपति प्रोफेसर आई वी त्रिवेदी ने कहा कि अनेक परीक्षाओं में पेपर लीक एवं अन्य प्रकार की समस्याओं के कारण आयोजक संस्थाओं की साख पर प्रश्न चिह्न लगते रहे हैं। राज्य के गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के समक्ष इस परीक्षा के आयोजन की बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य रहा कि उनके सभी प्रयास और नवाचार सफल रहे।
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