Panchayat Election : राजस्थान में पंचायत चुनाव को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। सरपंच व सरपंच पद के दावेदारों और सरकार के बीच पेंच फंस गया है। जी हा, पंचायत चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इस वक्त गांवों में पंचायत चुनाव की हलचल तेज हो गई है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
राजस्थान में पंचायतीराज चुनावों को लेकर एक नई हलचल शुरू हो चुकी है। निर्वाचन आयोग ने 2025 के पंचायतीराज चुनाव के लिए मतदान केंद्रों की स्थापना और निर्वाचक नामावलियों की तैयारी के लिए निर्देश जारी किए हैं, चुनावों की प्रक्रिया इस बार क्या बदलाव लाएगी, यह सवाल ग्रामीण इलाकों में चर्चा का विषय बन चुका है। क्या इस बार चुनाव पूर्व की तरह होंगे या फिर वन स्टेट, वन इलेक्शन के तहत एक साथ होंगे? इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
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लेकिन फिलहाल राजस्थान के पंचायतीराज चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मतदान केंद्रों की स्थापना की जाए। हर बूथ पर 1100 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे और पूरी पंचायत के वार्ड के लिए एक ही बूथ पर मतदान होगा। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण जल्द किया जाएगा और इसे जनवरी 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसके लिए प्रगणकों की नियुक्ति भी की जाएगी, जो प्रत्येक वार्ड के लिए जिम्मेदार होंगे। रोहित पाटीदार, चुनाव कार्यालय के वरिष्ठ सहायक अधिकारी ने बताया कि आगामी चुनावों के लिए सॉफ़्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिससे विधानसभा की मतदाता सूची को पंचायत के वार्डों में विभाजित किया जाएगा।
अब बात करते हैं प्रगणकों की नियुक्ति की, प्रगणकों का कार्य है कि वे प्रत्येक ग्राम पंचायत के तीन या चार वार्डों के लिए मतदाता सूची तैयार करें। एक प्रगणक को 1100 मतदाताओं पर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। और हां, एक प्रगणक को किसी एक पंचायत के अधिकतम एक वार्ड की जिम्मेदारी दी जाएगी। अगर संभव हुआ, तो बीएलओ यानि बूथ लेवल ऑफिसर को ही प्रगणक की जिम्मेदारी दी जाएगी।
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