Jodhpur News : राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे हाल ही में जोधपुर के दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया। इस दौरान राज्यपाल शिक्षक की भूमिका में भी नजर आए। उन्होंने जोधपुर के कुड़ी भगतासनी स्थित राजकीय कन्या जनजाति आश्रम छात्रावास का दौरा भी किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से पूछ लिया कि सबसे भारी तरल पदार्थ कौनसा है? तो बच्चे इसका जवाब नहीं दे पाए। हालांकि, इसके बाद राज्यपाल ने स्वयं इसका उत्तर दिया तो बच्चे खुश हो गए। राज्यपाल ने कहा कि यहां पर प्रयोगशाला चालू करनी चाहिए। इसको लेकर छात्रावास संचालक सुनील कुमार नोगिया ने कहा कि यह केवल छात्रावास है। बच्चे पास के नजदीकी स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं तथा यहां रहकर तैयारी करते हैं। इस पर राज्यपाल ने कहा कि स्कूल और छात्रावास एक ही जगह हो तो बच्चों के लिए अच्छा होगा।
राज्यपाल बागडे ने कुड़ी भगतासनी स्थित राजकीय कन्या जनजाति आश्रम छात्रावास में आयोजित संवाद कार्यक्रम में बच्चों से बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस जैसे अफसर बनना है तो बैकवर्ड नहीं बल्कि फॉरवर्ड बनना होगा। फॉरवर्ड बनने के लिए सभी जाति के लोगों को अच्छे से पढ़ना पड़ेगा। इस दौरान राज्यपाल ने बच्चों से कई सवाल किए।
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राज्यपाल बागड़ने ने यह भी कि हमारे इधर बेटियां बालकों से ज्यादा अच्छे अंक लाती है, इधर भी लाती होंगी। बालकों को बालिकाओं की तरह ही अच्छे अंक लाने के लिए मेहनत करनी चाहिए। राज्यपाल ने इस दौरान आश्रम में पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम के दौरान दौरान राज्यपाल सचिव डॉ. पृथ्वीराज, जनजातीय क्षेत्र विकास (माडा) के अतिरिक्त कमिश्नर ओमप्रकाश विश्नोई, जिला परिषद एसीओ गणपत सुथार, सरपंच चंद्रप्रकाश खावा, प्रधानाचार्य कुलदीप सिंह चारण, वार्डन लक्ष्मी, शैलेंद्र ङ्क्षसह बिरामी, श्याम खिचड़, चैनाराम सहित कई लोग मौजूद रहे।
इस दौरान राज्यपाल ने मेहरानगढ़ दुर्ग को भी देखा और उसकी स्थापत्य कला तथा शिल्प सौंदर्य की प्रशंसा की। उन्होंने संग्रहालय का भी अवलोकन किया। उन्होंने दुर्ग के सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतिहास की यह महती सौगात है। राज्यपाल ने दोपहर को उम्मेद भवन पैलेस भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व सांसद गजसिंह से भी शिष्टाचार भेंट की।
राज्यपाल बागड़े ने जब बच्चों से पूछा की सबसे भारी तरल पदार्थ कौनसा है तो वो जवाब नहीं दे पाए। हालांकि, इसका जवाब खुश राज्यपाल ने दिया कि सबसे भारी तरल पदार्थ पारा होता है। पारे का मुख्य उपयोग डेंटल अमलगम, स्फिग्मोमैनोमीटर और थर्मामीटर में होता है।
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