जयपुर। Rose Day पर जयपुर समेत पूरे भारत और दुनिया में गुलाब की जबरदस्त मांग रहती है। इस वजह से गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) करने वाले भी इस दिन काफी ज्यादा दाम मिलने के बावजूद गुलाब के फूल की मांग (Rose Flower Demand) को पूरा नहीं कर पाते। राजस्थान में भी रोज डे के दिन ऐसा ही माहौल रहता है जिससें गुलाब की कीमत (Rose Flower Price) बहुत अधिक होने पर भी मांग पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में राजस्थान में गुलाब की खेती करना एक बेहद ही फायदेमंद बिजनेस साबित हो सकता है। आपको बता दें कि राजस्थान की भजन लाल सरकार (Bhajan Lal Sarkar) द्वारा 30 से 40 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है।
राजस्थान में गुलाब की खेती पर सब्सिडी (Gulab Ki Kehti Par Subsidy)
राजस्थान सरकार (Rajasthan Govt) गुलदावदी, गेंदा, गुलाब और गैलार्डिया की खेती को बढ़ावा देने के लिए 30 से 40 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है। यदि किसान गुलाब की खेती करना चाहते हैं, तो उनके सुनहरा मौका है। इसमें सबसे खास बात ये है कि छोटे और सीमांत किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए सरकार उन्हें सब्सिडी दे रही है। राजस्थान सरकार का मानना है कि फूलों की खेती से छोटे किसानों की इनकम बढ़ाई जा सकती है।
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गुलाब के फूलों का उपयोग (Rose Flowers Use)
गुलाब के फूलों का उपयोग गिफ्ट के तौर पर देने के लिए पूजा पाठ व कई तरह के इत्र, गुलाब जल, मिठाईयां व दवाईयां बनाने में किया जाता है। अतः गुलाब के फूल को आप गीला या सूखा या इसका कोई प्रोडक्ट बनाते हुए बेचकर भारी मुनाफा कमा सकते हैं।
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गुलाब की इतनी खेती पर मिलता है अनुदान (Rose Flower Subsidy in Rajasthan)
राजस्थान सरकार द्वारा किसान द्वारा 2 हेक्टेयर में फूलों की खेती करने पर 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इसमें सबसे खास बात ये है कि गेंदा, देसी गुलाब, गैलार्डिया और गुलदाउदी की खेती करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को ही कुल लागत पर 40 फीसदी अनुदान मिलता है। यदि किसान भाई सब्सिडी का फायदा उठाना चाहते हैं, तो राजस्थान सरकार की उद्यानिकी विभाग Website (Rajasthan Agriculture Department) पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उद्यान विभाग द्वारा सत्यापन करने के बाद सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। इसके साथ ही सब्सिडी का लाभ उठाने वाले किसानों को गोबर की खाद 1.00 रुपये प्रति किलोग्राम और वर्मीकंपोस्ट 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से दिया जाएगा।