जयपुर। सिर के बाल इंसान के शरीर की बनावट को आकर्षक बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन त्वचा से निकलने वाले यह सुष्म तंतु समय से पहले बेवफाई कर जाए तो इंसान पर गंजा होने का आरोप लगने लगता है फिर वह कथित गंजा शहर की दीवारों खंबो यहां तक की पब्लिक टॉयलेट और ऑनलाइन साईट पर पर गौर करने लगता है, उन पर संभावनाएं तलाश करने लगता है इन्हीं पर ऐड चस्पा होते हैं जिन पर हेयर ट्रांसप्लांट में गंजापन दूर करने यानी बाल वापस लाने का पक्का वादा किया जाता है।
जयपुर के एक शख्स ने ऐसे ही एक वादे पर 60हजार रुपए खर्च कर दिए कई महिने बाल का आने का इंतजार करते रहे लेकिन उन्हें पैसे खर्च करने का पॉजिटिव नतीजा नहीं मिला। इससे नाराज होकर उन्होंने हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले क्लिनिक की शिकायत कर दी अब मामला शिप्रा पथ थाने में है और पुलिस ने परिवाद दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। उधर इस मामले में जब क्लिनिक के डायरेक्टर दुष्यंत सिंह राठौर से बात हुई तो उन्होने झूठा आरोप लगाने की बात कहते हुए संबन्धित थाने में गौरव के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही।
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अब कोन झूठ बोल रहा है और कोन सच ये तो फ़िलहाल जांच का विषय है लेकिन गौरव आहूजा की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद हुए इंफेक्शन से भी इंकार नही किया जा सकता है। 37 वर्षीय गौरव आहूजा अकेले ऐसे व्यक्ति नही बल्कि कई ऐसे युवा है जो अपने लुक्स को बेहतर करने की चाह में हेयर ट्रांसप्लांट का सहारा ले रहे है लेकिन एक्सपर्ट के बिना ये सर्जरी इतनी आसान नहीं ऐसे में ज्यादातर युवाओं को ये सर्जरी करवाना जान लेवा साबित हो रहा है। पीआरपी की प्रक्रिया दर्द से भरी है और इस दर्द को गौरव अब ताउम्र झेलेगें।
ये जरूरत क्यों पड़ी ये भी जान लिजिए
ट्रांसप्लांट की डिमांड बढ़ने से अब गली नुक्कड़ में ये सेंटर खुल गए हैं। कई जगहों पर एमबीबीएस डॉक्टर नहीं बल्कि नौसिखिए ये काम कर रहे हैं। किसी सेंटर में थोड़े दिन काम देखा, सीखा और खोल लिया सेंटर कई जगहों पर टेक्नीशियन्स ही हेयर ट्रांसप्लांट जैसी संवेदनशील सर्जरी को अंजाम दे रहे हैं। ये हम नही कह रहेे बल्कि देश और राज्यों के कई हिस्सों से पिछले दो सालों में हेयर ट्रांसप्लांट प्रोसीजर की वजह से लोगों की मौत की खबरें सामने आई हैं।
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इस मामले में हमने जयपुर और कोटा के हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन से भी बात की। कैमरे में कोई बोलना नही चाहता लेकिन सभी ने माना है कि हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिको पर प्लास्टिक सर्जन ओर डर्मेटॉलोजिस्ट की बजाय बीडीएस, एमडीएस,डेंटिस्ट,कॉस्मेटोलोजिस्ट टेक्निशियन ट्रांसप्लांट कर लोगो की जान से तक खिलवाड़ कर रहे है। राजधानी में भी ऐसे क्लिनिक धड़ल्लें से चल रहें है। कोटा में तो इस मामले में प्रशासन को कई बार शिकायत भी कर चुके है,लेकिन प्रशासन की सुस्ती से हालात नही बदले।
महिलाएं नहीं,बल्कि पुरुष बढ़ा रहे हैं बाजार
भारत में 21 से 31 साल के 46% लोग गंजेपन के शिकार हो रहे हैं ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल भारत में है। अमेरिकन हेयर लॉस एसोसिएशन की स्टडी के मुताबिक 35 साल की उम्र तक 66% लोग और 50 साल की उम्र तक आते आते 85% लोग गंजेपन के शिकार होने लगते हैं। इन्हीं आंकड़ों में भारत की कॉस्मेटिक इंडस्ट्री की ग्रोथ की रफ्तार छिपी है और ये एक ऐसी कॉस्मेटिक इंडस्ट्री है जिसका बाजार महिलाएं नहीं,बल्कि पुरुष बढ़ा रहे हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट का बाजार साल भर में 30 प्रतिशत की दर से बढ़ा
हाल ही में जारी हुए एक सर्वे के मुताबिक भारत में हेयर ट्रांसप्लांट का बाजार साल भर में 30 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। 25 वर्ष से 40 वर्ष के युवा इस मार्केट के सबसे बड़े ग्राहक बनकर उभरे हैं। खासतौर पर शादी के लिए पार्टनर तलाशने से पहले युवा अपनी लुक्स को बेहतर करने की चाह में हेयर ट्रांसप्लांट करवाने जाते हैं। एक रिसर्च के अनुसार भारत में औसतन होने वाले 100 हेयर ट्रांसप्लांट में 93 पुरुष होते हैं और 7 महिलाएं 2022 में भारत में बालों का कारोबार 600 करोड़ रुपए का रहा। 2031 तक इस बाजार के 3 हजार करोड़ रुपए का होने का अनुमान है।
क्या है हेयर ट्रांसप्लांट का तरीका
डॉक्टर प्रियंका चौधरी ने बताया कि हेयर ट्रांसप्लांट के लिए हफ्ते में पांच से छह घंटे की एक सर्जरी की सिटिंग होती है जिसके तहत व्यक्ति के सिर में कुछ ही बाल ट्रांसप्लांट किए जाते हैं। इसी प्रकार कई बार की सिटिंग में तयशुदा बाल ग्राफ्ट किए जाते हैं। इस सर्जरी में एनेस्थीसिया देने वाले स्पेशलिस्ट के साथ साथ अन्य उपकरणों के विशेषज्ञ भी मौजूद रहते हैं। अगर हेयर ट्रांसप्लांट करवाने वाले को किसी तरह की बीमारी है तो उस पहले ही जान लिया जाता है और उसे ध्यान में रखकर ही हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है।
कैसे किया जाता है हेयर ट्रांसप्लांट
हेयर ट्रांसप्लांट वो सर्जिकल मैथड है जिसके तहत सिर के पीछे या साइड में जहां घने बाल हैं,वहां से बाल लेकर उस एरिया में प्लांट किए जाते हैं,जहां बाल नहीं है। इस पूरी प्रक्रिया में आठ से दस हफ्ते का समय लगता है और इस सर्जरी को विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा ही किया जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि कुछ व्यक्तियों के सिर पर ज्यादा बाल न होने के कारण उनकी छाती और दाढ़ी के बालों को भी सिर पर प्लांट किया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर सिर के बालों को ही दूसरों हिस्से में प्लांट करने का चलन है।
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अगर कंघी करते वक़्त आपके भी बाल झड़ रहे है तो परेशान न हो ऐसा सोचने वाले आप अकेले नहीं हैं डॉक्टर्स की सलाह ले और अपने शरीर में विटामिन,प्रोटीन की मात्रा को संतुलित बनाएं रखे,लेकिन नेचर से छेड़छाड़ ना करना वरना आपको भी इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते है।
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