अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर के दो दिन बाद ही शनिवार को माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की भी हत्या हो गई। यह वाक्या तब हुआ जब दोनों को पुलिस मेडिकल जांच के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जा रही थी। जहां उनके साथ पत्रकार भी साथ चल रहे थे। इस समय जब अतीक सवाल किया गया कि वो बेटे असद के जनाजे में क्यों नहीं गया तो अतीक ने जवाब दिया कि, नहीं ले गए तो नहीं गए। तभी भाई अशरफ मीडिया से गुड्डू मुस्लिम के बारे में कुछ कहने वाला था।
इस समय ही वहां ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। पुलिस के घेरे के बीच ही तीन ओर से तीन लड़कों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस समय दोनों भाईयों को पुलिस ने एक हथकड़ी से बंद कर रखा था। जिससे वे फायरिंग होने पर बचने की कोशिश भी नहीं कर पाए और गोलियों का शिकार हो गए। इस समय ही साथ रहे पुलिसकर्मी को भी हाथ में तेज झटका लगा और वो घायल हो गया। यह सारा वाक्या वहां वीडियो में भी रिकार्ड हो गया।
आखिरी 4 घंटे
जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम करीब 6.30 बजे अतीक और अशरफ से धूमनगंज थाने में एसटीएफ और यूपी एटीएस के अधिकारियों ने पूछताछ की थी। फिर पुलिस सुरक्षा में करीब 8.30 बजे दोनों भाइयों को उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल किए हथियारों और कारतूस बरामद करने के लिए कसारी-मसारी के जंगल में ले जाया गया। जहां घटना स्थल पर दो पिस्टल भी बरामद हुई। इनमें से एक अमेरिकी पिस्टल है, जिसके साथ वहां पुलिस को 55 से अधिक कारतूस भी मिले। बरामदगी के बाद दोनों को पुलिस टीम कॉल्विन हॉस्पिटल ले गई। जहां दोनों का मेडिकल होना था।
देर रात वे करीब 10.30 बजे अस्पताल पहुंचे। वहां दोनों भाईयों के हाथ एक ही हथकड़ी से बंधे थे। पुलिस के साथ ही मीडियाकर्मी उनसे सवाल पूछ रहे थे। उस समय दोनों को एक साथ गोलियों से तीन लोगों ने भून दिया। करीब 16-17 सेकंड में ही दोनों भाई गोली खाकर जमीन पर गिर गए। इस समय हमलावरों ने 10 गोलियां चलाई। जिससे अतीक के जहां कनपटी पर गोली लगी वहीं अशरफ के सीने में गोली लगी। उनकी मौत हो गई।
अखिलेश बोले अपराध की पराकाष्ठा
अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले और भी बुलंद हो रहे हैं। पुलिस के घेरे के बीच ही यदि सरेआम हत्या की जा सकती है तो आम इंसान की सुरक्षा का तो भगवान ही मालिक है। जनता में इस सबसे भय का माहौल बन रहा है।