Hanuman Beniwal Election 2024: राजस्थान समेत देशभर में इस वक्त लोकसभा चुनाव का शोर मचा हुआ है। इस बीच राजस्थान के नागौर से पूर्व सांसद और मौजूदा खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल लोकसभा के चुनावी मैदान में है। वह नागौर सीट पर अपनी राजनीतिक पार्टी आरएलपी (RLP) से और कांग्रेस के पूर्ण समर्थन के बाद इंडिया गठबंधन उमीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे है। उनके सामने बीजेपी की ज्योति मिर्धा की चुनौती है।
यहां हम आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की एक राजनेता के तौर पर बात नहीं करेंगे, बल्कि एक बेटी के पिता के रूप में बात करेंगे। कहते है, बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार बचपन से ही भरे जाते है और इसका पहला काम उनके माता-पिता का हैं। ठीक इसी तरह समाज के लिए मिसाल पेश करते है हनुमान बेनीवाल और उनकी बेटी दीया बेनीवाल। बात साल 2020 के अप्रैल महीने की है, जब हनुमान बेनीवाल की बेटी दीया का 9वां जन्मदिवस का मौका था।
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‘सोनपरी’ बनी हनुमान बेनीवाल की बेटी
उस वक्त हनुमान बेनीवाल नागौर सांसद हुआ करते थे। यह वो समय था, जब न सिर्फ देश-प्रदेश बल्कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी से भीषण जंग लड़ रही थी। राजस्थान में भी गरीब-अमीर और असहाय, हर तबके का व्यक्ति जिंदगी और मौत के साये में जी रहा था। ऐसी स्तिथि में सरकार, प्रसाशन और जिम्मेदार लोग लगातार कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए जनता से समर्थन मांग रहे थे। इसी बीच हनुमान बेनीवाल की बेटी ने ‘सोनपरी’ की भूमिका अदा की।
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कोरोना वॉरियर बन जीत लिया दिल
दीया बेनीवाल अप्रैल 2020 में अपने 9वें जन्मदिवस पर ‘कोरोना वॉरियर’ बन सामने आई। उसने जन्मदिन पर उपहार स्वरुप मिले 1 लाख रुपए की राशि जिला कलेक्टर को कोरोना मरीजों के लिए सौंप दी। इस राशि का इस्तेमाल कोरोना आपदा राहत कार्यों के लिए किया गया। दीया ने यह राशि अपने सांसद पिता के साथ नागौर कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को चेक के रूप में प्रदान की। यह राशि दीया को मां कनिका और पिता हनुमान की तरफ से दी गई।
एक लाख रुपये की राशि का चेक देने के बाद दीया का कहना था कि, उसने यह राशि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने पिता हनुमान बेनीवाल से प्रेरित होकर कोरोना आपदा से लड़ने के लिए दी है। इस अवसर पर हनुमान बेनीवाल ने भी कहा था ‘कोरोना रूपी भय को भगाने के लिए हौसले का दीपक जलाना होगा।’