Holi Doond 2024: राजस्थान सांस्कृतिक विविधताओं वाला प्रदेश है। यहां की परंपरा वेशभूषा सभी अलग और विचित्र है। प्रदेश में सिर्फ एक ही राजस्थानी बोली की परंपरा नहीं हैं। वरन् यहां अलग अलग क्षेत्र में अलग अलग भाषा और बोलियां भी बोली जाती हैं। इसके साथ ही यहां रीति रिवाज (Holi Doond 2024) और लोक परंपराएं भी अनौखी और दिलचस्प हैं। आज हम आपको बतातें हैं एक ऐसी ही अनौखी परंपरा के बारे में जिसे जानकर आप हैरान तो होंगें ही साथ ये जानेंगें कि राजस्थान को रंगीला प्रदेश क्यों कहा जाता है।
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राजस्थान के हर एक अंचल में लोक नृत्य लोक संगीत की अनौखी परंपरा है। ऐसी ही एक अनौखी परंपरा के बारे में आज हम आपको बताने जा रहें हैं। ये परंपरा बच्चे के जन्म पर निभाई जाती है। जब परिवार में बच्चा जन्म लेता है तो इस परंपरा को बहू के पीहर पक्ष को निभानी पड़ती है। इस अनौखी परंपरा को होली पर निभाया जाता है। पीहर पक्ष से नवजात बच्चे के कपड़े, खिलौने, मठाइयां आदि दिए जाते हैं। साथ ही नवजात शिशु की मां के लिए भी कपड़े गहने दिए जाते हैं। कभी कभी अपनी आर्थिक स्थिती के अनुसार कोई बड़ा उपहार भी दे दिया जाता है जैसे गाड़ी या बाइक आदि। और इसी के साथ बच्चे के दादा दादी और बुआ के लिए भी कपड़े आदि दिए जाते हैं। यह अनौखी परंपरा होलिका दहन के एक या दो दिन पहले मनाई जाती है।
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कुछ समय पहले ये परंपरा सिर्फ लड़का होने पर निभाई जाती थी। किंतु अब जैसे जैसे जमाना बदल रहा है,वैसे वैसे लोगों ने भी अपने अनुसार परंपराओं को बदलना शुरु कर दिया है। अधिकतर कपल्स आजकल दो ही बच्चे करते हैं। और कुछ तो बस एक ही बच्चे पर खुश हो जाते हैं। और सारी खुशियां इसी एक बच्चे को देना चाहते हैं। अब अगर ये लड़की हुई तो फिर इसी के लिए सारी परंपराएं निभाई जाएंगी। इसलिए आजकल लड़कियों के जन्म पर भी ये अनौखी परंपरा निभाई जा रही है।
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