PM Modi Lost Majority: लोकसभा चुनाव की परिणाम आ गया है। जिसमें बीजेपी का 400 पार का नारा फेल हो गया है। जहां पिछली बार बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल कर सत्ता हासिल की थी। वहीं इस बार यानी 2024 में ऐसा करने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। इसके पीछे क्या कारण रहें हैं इसी को टॉपिक पर आपके बीच लाया गया है। ताकी जिन लोगों ने बस एक तरफा जीत का ही इंतजार कर रहे थे उनका ये अंधविश्वास दूर हो जाए।
बीजेपी ने इंडिया गठबंधन को हल्के में लेकर बड़ी भूल की। तभी अपने सबसे बड़े कार्यक्षेत्र अयोध्या में भी सीट हासिल नहीं कर पाई। मोर्निंग न्यूज के संवादाताओं के एक पैनल ने देर रात ये विश्लेषण किया कि क्या ऐसे वो कारण रहें हैं कि इतनी बड़ी छवि लेकर भी नरेंद्र मोदी बहुमत नहीं जुटा पाए।
एक ही चेरहे पर लड़ा चुनाव
आपको बता दें कि इस बार का चुनाव बस एक ही चेरहे पर लड़ा जा रहा था, और वो चेहरा थे PM नरेंद्र मोदी। इस बात को खुद पार्टी के कार्यकर्ता हर बोलते रहे। जबकि किसी भी लड़ाई में एक टीम भावना के साथ लड़ा जाता है। सबसे अपने अपने सामर्थ्य होते हैं। इस बार के चुनाव ने कार्यकर्ता ने अपना सामर्थ्य दिखाना जरुरी ही नहीं समझा। बस इसी सोच में रहे कि 400 सीट तो आ ही रही जनता से कौन रुबरु होगा। इस प्रकार सबसे बड़ा कारण यही था।
सरकार विरोधी लहर
जैसे ही PM नरेंद्र मोदी ने अपने दो कार्यकाल पूरे किए उनके ही खेमे के साथ बाहर भी सरकार विरोधी लहर चल पड़ी। जैसे ही बात सामने आई तो इसका जवाब किसी के पास भी नहीं मिला।
टिकटों के बंटवारे में मनमर्जी
हर तरफ मनमर्जी चलाती बीजेपी ने टिकटों के बंटवारे में भी मनमर्जी की। जिससे कद्दावर नेताओं को दरकिनार किया गया और उनके बजाए नए चेहरे को उतारा गया। इस बात का खामियाजा इस लोकसभा चुनाव के परिणाम में देखने को मिला।
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जातिगत समीकरण पर ध्यान नहीं
सब कारणों में से एक ये भी सबसे बड़ा कारण रहा कि बीजेपी ने क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। उनके जमीनी स्तर की आवश्यकताओं की पूर्ती को कभी समझने की कोशिश नहीं की गई।
धर्म आधारित भाषण
हर चुनाव में ये कहा जाता है कि धर्म की राजनीति नहीं करेंगे। लेकिन जब चुनाव नजदीग आते दिखते हैं तो धर्म आधारित भाषणों का प्रचार जोरो से चलना शुरु हो जाता है। इस बार भी बीजेपी ने ये ही किया, चुनाव नजदीग आते ही धर्म आधारित भाषण देने पर जुट गए बीजेपी कार्यकर्ता। इसका सीधा असर आम जनता विशेषकर युवा वर्ग पड़ा जो बेरोजगार तो है लेकिन अशिक्षित नहीं है।
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