- कफन में बंध रहे डॉक्टर, इंजिनियर बनने के सपने
- पिछले सत्र से कोटा में कर रहा था तैयारी
राजस्थान का कोटा जिसे शैक्षणिक नगरी के रूप में जाना जाता है। यहां पर भारत के कोने-कोने से छात्र सपने लेकर पहुंचते हैं। इंजिनियर और डॉक्टर बनने की चाह में छात्र इतने डूब गए हैं कि उन्हें असफलता मंजूर ही नहीं हो रही है। पढ़ाई का तनाव इतना ज्यादा बढ़ गया है कि एजुकेशनल सिटी धीरे-धीरे सुसाइड सिटी बनती जा रही है। 15 अगस्त को फिर से एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। यह स्टूडेंट बिहार में गया का रहने वाला था, इसकी पहचान वाल्मीकि जांगिड़ के रूप में हुई है।
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पिछले सत्र से कोटा में कर रहा था तैयारी
महावीर नगर थाना प्रभारी परमजीत पटेल ने बताया कि वाल्मीकि जांगिड़ सात महीवे पहले बिहार से कोटा इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने आया था। वह महावीर नगर थर्ड में किराए के मकान में रहकर तैयारी कर रहा था। 18 वर्षीय छात्र ने मंगलवार रात करीब 9 बजे आईआईटी और नीट प्रवेश परीक्षा में अच्छा परफॉर्मेंस न कर पाने की वजह से सुसाइड कर लिया। इस घटना की पुष्टि डीएसपी हर्षराज खरड़ा ने की है। पुलिस के मुताबिक सुसाइड की असली वजह का फिलहाल कोई पता नहीं चला है।
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कफन में बंध रहे डॉक्टर, इंजिनियरिंग के सपने
कोटा में जहां छात्र डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना लेकर आते हैं उनके सपने अब कफन में बंधने लगे है। शिक्षा नगरी कोटा में मौत का आंकड़ा कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। अगर 2023 की बात करें तो केवल इसी साल अब तक 22 स्टूडेंट आत्महत्या कर चुके हैं। तनाव में आकर छात्र मौत को गले लगा रहे हैं।