- आखिर कैसे हुई भारतीय ध्वज की उत्पत्ति
- कौन था इसका डिजाइनर?
जयपुर। देश अपनी आजादी के 76 साल पूरे करने जा रहा है। इन 76 सालों में देश ने कई उतार चढ़ाव भी देखे है। इन उतार चढ़ाव भरे सालों के बीच एक चीज शाश्वत रही वह थी देश के विकास की रफ्तार। देश की कहानी 1947 शुरू हुई थी जो आशा और उमंग से भरी हुई थी। भारत का तिरंगा देश की एकता, शांति, समृद्धि तथा विकास को दर्शाने वाला है। देश का राष्ट्रीय तीन रंगों से मिलकर बना है। राष्ट्रीय ध्वज की डिजाइन किसने की थी। राष्ट्रीय ध्वज की डिजाइन का श्रेय किसको जाता है।
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30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का गहराई से किया अध्ययन
तिरंगा एक झंडा नहीं है बल्कि एक आजाद देश का प्रतीक है। राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को आयोजित हुई संविधान सभा की बैठक मे अपनाया गया था। 1921 में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली वेंकैया के द्वारा डिजाइन किया गया था। 1916 से 1921 तक पिंगली वेंकैया के द्वारा 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का गहराई से अध्ययन किया गया था। जब तिरंगा झंडा तैयारी किया गया तब इसमें केसरिया के जगह लाल रंग दिया गया था। उस समय जो तिरंगा तैयार किया गया था वह आज से काफी अलग था। उस समय तिरंगे में चरखे को भी जगह दी गई थी।
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1931 में बदला तिरंगे का रंग
1931 में एक प्रस्ताव पारित किया गया इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद तिरंगे का लाल रंग केसरिया रंग में बदल गया। वैकेंया महात्मा गांधी से प्रेरित थे यही वजह थी की राष्ट्रीय ध्वज के लिए महात्मा गांधी से सलाह ली। महात्मा गांधी की सलाह के बाद तिरंगे से चरखे को हटा दिया गया। चरखे की जगह अशोक चक्र ने ले ली। अशोक चक्र पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का संकेत देता है।