अजमेर। वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर लम्बें से संघर्ष कर रहे केंद्रीय कारागार अजमेर में तैनात जेल प्रहरियों ने बुधवार को राजस्थान एकीकृत महासंघ के बैनर तले अनिश्चितकाल तक मैस का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गये, जेल प्रहरियों का आरोप है कि गत दिनों से काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आज दिन तक प्रशासन उनकी मांगों पर कोई भी वार्ता तक करने के लिये राजी नहीं हुआ।
राजस्थान की सभी जेलों में तैनात जेल प्रहरी आज से मैस बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठ गये है। जेल प्रहरियों की मांग है कि करीब चार माह पूर्व जेल प्रहरियों द्वारा मैस का बहिष्कार कर आंदोलन किया था उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री व जेल डीजी की मौजूदगी में लिखित में समझौता हुआ था, लेकिन आज दिन तक उक्त समझौते को प्रदेश सरकार न तो अमल में लाई और न ही कोई फिर से इस मामले में सरकार की ओर से चर्चा हुई है। जिसके चलते विगत दिनों से जेल प्रहरी काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे थे। लेकिन आज दिन तक सुनवाई नही होने से मैस का बहिष्कार कर धरने पर बैठना पड़ा।
जेल कार्मिकों का 1998 से आंदोलन जारी
जेल कार्मिकों ने कहा कि वेतन विसंगतियों के तहत पुलिस के समान वेतन को लेकर 1998 से आंदोलन शुरू किया गया था। वेतन भत्ते की मांग को लेकर 6 जुलाई 2017 को प्रदेश की जेलों में मैस का बहिष्कार किया गया था। 9 जुलाई को राज्य सरकार तथा कारागार विभाग के बीच एक समझौता हुआ लेकिन उस समझौते को आज तक लागू नहीं किया गया।
1998 से पहले राजस्थान पुलिस आरएसी एवं जेल प्रहरीयों का वेतन एक समान हुआ करता था लेकिन अब राजस्थान में जेल कार्मिकों एवं आरएसी के वेतनमान में बड़ा अंतर है। इसी को लेकर जेल कार्मिकों द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा हैं।