स्थानीय

टर्बुलेंस से मुश्किल में पड़ी इंडिगो की जोधपुर-जयपुर फ्लाइट, अब तक 308 लोगों की मौत, जानिए क्यों होता है ऐसा

जयपुर। मानसून की दस्तक के साथ ही राजस्थान में 20 जून को दोपहर अचानक से मौसम में बदलाव हो गया जिसका सबसे ज्यादा असर एयर ट्रैफिक पर पड़ा। खराब मौसम की वजह से जयपुर एयरपोर्ट पर जोधपुर, मुंबई और हैदराबाद से आई 3 फ्लाइट निर्धारित समय पर उतर नहीं पाई। इसी दौरान इंडिगो की जोधपुर-जयपुर फ्लाइट में टर्बुलेंस (Flight Turbulence) जबरदस्त तरीके से बढ़ा जिस कारण यात्री घबरा गए और रोने लगे। आपको बता दें कि दुनिया में खराब मौसम की वजह से विमान में हुए टर्बुलेंस के कारण अब 308 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में आइए जानते हैं टर्बुलेंस से जुड़ी हर चीज के बारे में…

विमान में टर्बुलेंस का मतलब

विमान में टर्बुलेंस का मतलब (What is Turbulence) हवा के उस बहाव में बाधा पहुंचना होता है जो विमान को उड़ने में सहायता करती है। टर्बुलेंस की वजह से हवाई जहाज हिलने लगता है और अनियमित वर्टिकल मोशन में चला जाता है मतलब अपने नियमित रास्ते से हट जाता है। इसी स्थिति को टर्बुलेंस कहा जाता है। टर्बुलेंस की वजह से कई बात विमान अचानक से ऊंचाई से कुछ फीट नीचे आने लगता है।

टर्बुलेंस से विमान गिरने जैसा आभास

टर्बुलेंस की वजह से हवाई जहान में सवार यात्रियों को ऐसा महसूस होता है कि वो गिरने वाला है। टर्बुलेंस की स्थिति में विमान का उड़ना ठीक वैसा ही होता है जैसे ऊबड़-खाबड़ सड़क पर कार चती है। हालांकि, कुछ टर्बुलेंस हल्के और कुछ गंभीर होते हैं।

विमान में इसलिए होता है टर्बुलेंस

वायु ही विमान को उड़ने के लिए सही वातावरण बनाती है तथा ये हमेशा मोशन में रहती है। विमान उड़ने के लिए हवा के इसी मोशन का यूज करते हैं। किसी भी हवाई जहाज को स्थिरता से उड़ने के लिए यह जरूरी होता है कि उसके पंखों में ऊपर और नीचे से बहने वाली वायु नियमित हो। हालांकि, कई बार खराब मौसम अथवा दूसरे कारणों से वायु के बहाव में अनियमितता आ जाती है जिस कारण एयर पॉकेट्स बन जाते हैं और टर्बुलेंस (Turbulence Reason) होता है।

टर्बुलेंस कितनी तरह के होते हैं

टर्बुलेंस 3 तरह के होते हैं जिनमें हल्के, मध्यम और गंभीर शामिल है। हल्के टर्बुलेंस में विमान 1 मीटर तक ऊपर-नीचे होता है जिसका यात्रियों को पता नहीं चलता। वहीं, मध्यम टर्बुलेंस में विमान 3 से 6 मीटर तक ऊपर-नीचे होते हैं जिस कारण यात्रियों के ड्रिंक्स गिर सकते हैं। जबकि, गंभीर टर्बुलेंस में हवाई जहाज 30 मीटर तक ऊपर-नीचे होते हैं जिस दौरान सीट बेल्ट नहीं लगाने पर यात्री उछलकर गिर सकते हैं।

टर्बुलेंस की कैटेगरी

टर्बुलेंस 7 कैटेगरी के होते हैं जो इस प्रकार हैं—

1. थंडरस्टॉर्म टर्बुलेंस
यह खराब मौसम और आंधी-तूफान की वजह से होता है जो बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। इसके कारण विमान पर बहुत दबाव पड़ने से उसका नियंत्रण खो सकता है। यह इतना ताकतवर होता है कि हवाई जहाज को 2 से 6000 फीट वर्टिकली ऊपर या नीचे ले जा सकता है।

2. क्लियर एयर टर्बुलेंस
ऐसे टर्बुलेंस जेट स्ट्रीम वाले क्षेत्रों में होते हैं। जेट स्ट्रीम हवा की काफी शक्तिशाली धाराएं होती हैं जो 250 से 400 किमी/घंटे की स्पीड से चलती है। जब ये तेज हवाएं धीमी स्पीड से चल रही हवाओं से मिलती हैं तो टर्बुलेंस होता है।

3. वेक टर्बुलेंस
ऐसे टर्बुलेंस हवाई जहाज के हवा से गुजरने के दौरान उसके पीछे की तरफ बनता है। हवाई जहाज जब हवा से गुजरता है तो उसके पंख का मुड़ा हुआ हिस्सा वायु भंवर बनाता है। इसके अलावा ये जेट इंजन से तेजी से निकलने वाली मूविंग गैसों से भी बनता है। यह टर्बुलेंस 3 मिनट तक ही रहता है, लेकिन बहुत गंभीर होता है।

4. माउंटेन वेव टर्बुलेंस
ऐसे टर्बुलेंस में बिल्डिंग की जगह पहाड़ होते हैं। हवा पहाड़ों की चोटी के ऊपर से बहती है और फिर नीचे की ओर बहती है तो एक स्टैंडिंग माउंटेन वेव बनती है। इस कारण हवाएं ऊंचाई के बीच झूलने लगती हैं और वायु सैकड़ों मील ऊपर और नीचे की ओर बहने लगती हैं।

5. मैकेनिकल टर्बुलेंस
ऐसे टर्बुलेंस पृथ्वी की सतह के पास की वायु की अड़चनों जैसे पहाड़ों या बिल्डिंग्स के ऊपर से बहने से होते हैं। इसकी वजह से सामान्य हॉरिजेंटल एयर फ्लो डिस्टर्ब होता है और भंवर तथा हवा के अनियमित मोशन जैसे पैटर्न में बदल जाता है। टेक-ऑफ या लैंडिंग के समय, हवाएं पहाड़ियों या शहर की इमारतों से टकराती हैं और छोटे-छोटे भंवर बनाती हैं जो प्लेन के टर्बुलेंस का कारण बनते हैं।

6. थर्मल टर्बुलेंस
यह तब बनता है जब गर्म वायु धरती से ऊपर उठती है और उसका एक बड़ा हिस्सा नीचे की ओर आता है। इस कारण वायु के बहाव में अनियमितता पैदा हो जाती है।

7. फ्रंटल टर्बुलेंस
अक्सर ऐसे टर्बुलेंस सर्दी में होते हैं। जब ठंडी वायु गर्म वायु के पास पहुंचती है, दोनों विपरीत हवाओं की वजह से फ्रिक्शन पैदा होता है। यह सबसे आम टर्बुलेंस है जो कॉमर्शियल फ्लाइट्स में महसूस किया जाता है।

टर्बुलेंस की वजह से 308 लोगों की मौत

आपको बता दें कि आज के समय में आधुनिक टेक्निक के बेहतर होने के कारण टर्बुलेंस के कारण प्लेन क्रैश होने की संभावनाएं काफी कम हो चुकी हैं। हालांकि, प्लेन क्रैश की आशंका रहती है। टर्बुलेंस के कारण दुनिया में अब तक 308 लोगों की मौत (Deaths From Turbulence) हो चुकी है। ऐसे में दुनिया में टर्बुलेंस की वजह से हुई प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं—
— 1994 में यूएसए में US एयर फ्लाइट 1016 आंधी-तूफान के कारण टर्बुलेंस की वजह से लैंडिंग के समय क्रैश हो गई थी जिसमें 37 लोगों की मौत हुई थी।
— 1999 में यूएस एयरलाइन फ्लाइट 1420 आंधी-तूफान के कारण बने टर्बुलेंस के बाद लैंडिंग के समय एयरपोर्ट पर रनवे से आगे निकलकर क्रैश हो गई थी जिस दौरान 11 लोगों की मौत हुई थी।
— 2001 में टर्बुलेंस के कारण अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 587 टेकऑफ से ठीक बाद ही क्रैश हो गई थी जिसमें सवार सभी 260 लोगों की मौत हो गई थी।

टर्बुलेंस में फंस जाएं तो क्या करें?

एक्सपट्‌र्स के अनुसार हवाई जहाज जब टर्बुलेंस में फंस जाए तो अपनी सीट बेल्ट बांध कर रखें। ऐसा नहीं करने पर चोट लगने का खतरा रहता है।

Jaipur News ePaper में पढ़ें ताजा खबरें

आप जयपुर की ताजा खबरें Jaipur News ePaper पर क्लिक करके अपने मोबाइल फोन पर ही कहीं भी और किसी भी समय पढ़ सकते हैं। जयपुर ई-पेपर पर आप जयपुर की ताजा खबरें व राजस्थान की ताजा खबरें पढ़कर अपने आपको हर कैटेगरी की लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रख सकते हैं।

इसी तरह की ख़बरों के लिए हमारे WhatsApp Channel को फॉलो करें

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

Recent Posts

जयपुर में हुआ वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2025 का आगाज, उदयपुर में होगा संगीत उत्सव 7 से 9 फरवरी तक

15 से अधिक देशों के अंतरराष्ट्रीय बैंड देंगे प्रस्तुतियां World Music Festival Udaipur 2025: वर्ल्ड…

2 दिन ago

PM Surya Ghar : अतिरिक्त मुख्य सचिव बोले- पीएम सूर्यघर में रजिस्ट्रेशन को इंस्टॉलेशन में बदलें

PM Surya Ghar : जयपुर। पीएम सूर्य घर नि:शुल्क बिजली योजना को बढ़ावा देने के…

3 दिन ago

विकसित भारत के सपने के साथ, आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हुआ समापन

16th Tribal Youth Exchange Programme: गृह मंत्रालय के सौजन्य से सात दिवसीय 16 वें आदिवासी…

3 दिन ago

Baba Ramdev के गुरूकुल में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खतरे में?

Baba Ramdev News : जयपुर/हरिद्वार। हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव के पतंजलि गुरुकुलम में पढ़ रहे…

5 दिन ago

राइजिंग राहोली एजुकेशन समिट 2025 का भव्य आगाज

Jaipur News : जयपुर। पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राहोली में राइजिंग राहोली एजुकेशन समिट…

5 दिन ago

जयपुर में पार्षदों की हाथापाई की भेंट चढ़ी साधारण सभा, जमकर भिड़े बीजेपी—कांग्रेस के पार्षद

Jaipur Municipal Corporation Meeting: नगर निगम ग्रेटर की साधाराण सभा दूसरे दिन भी गाली और…

6 दिन ago