Jaipur ki Bandhej Kala : रंगाई छपाई और बंधेज कला के लिए राजस्थान संपूर्ण जगत में प्रसिद्ध है। बंधेज यानी कपड़ों पर बिंदियों का एक ऐसा तिलिस्म जमाना जो अंत में रंगरेज के जादुई रंगों में निखरकर तैयार होता है। देश विदेश में गुलाबी नगरी जयपुर की बंधेज (Jaipur ki Bandhej Kala) काफी मशहूर है। पचमीना व शिफोन पर बड़ी ही कुशलता से बिन्दियों के बूटों से जो आकृति उभरती है, वह इस कला की उत्कृष्टता की गाथा खुद बयान करती है। तो चलिए राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी कड़ी में हम आज आपको जयपुरी बंधेज कला के बारे में बताते हैं।
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बन्धेज का मूल कार्य जयपुर में स्त्रियों द्वारा ही सम्पन्न किया जाता है। पहले कपड़े की छपाई होती है, फिर लिखाई और बंधाई की जाती है। बंधाई के बाद चुटकी से बांधे गये ‘बंध’ काटे जाते हैं तथा पृष्ठ भूमि पर सफेद बिन्दियां (Jaipur ki Bandhej Kala) निकल जाती हैं। आखिर में धुलाई करके वस्त्र की बन्धेज को खोल कर सुखा दिया जाता है। इतनी मेहनत के बाद बंधेज की चुनरी तैयार होती है। जयपुर की बंधेज सारी दुनिया में मशहूर है तथा ऑनलाइन खूब बिकती है। बंधेज को बांधनी भी कहते हैं।
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ये विडंबना ही है कि बंधेज कला (Jaipur ki Bandhej Kala) इन दिनों बुरे दौर से गुज़र रही है। बंधेज कला के कारीगरों की हालत बड़ी खराब है, वे बिचौलियों व पूंजीपति वर्ग की मनमानियों व शोषण के शिकार हैं। मिलावटी रंगों, पानी की कमी तथा महंगे धागों से इस कला को बचाये रखना जटिल होता जा रहा है। गलत रंगों के कारण कपड़े पर रंग फब नहीं पाते तथा बंधेज की चुनरी (Jaipur Bandhej Problems) उतनी बढ़िया नहीं बन पाती है। साथ ही काम करने वाली महिलाओं की भी अपनी घरेलू समस्याएं हैं। कोरोना काल ने बंधेज व्यापारियों और मजदूरों की कमर तोड़कर रख दी है। माल की घटती बिक्री और बढ़ते टैक्स ने भी इस व्यवसाय को हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया है। बंधेज कारीगरों और उद्मियों के लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं होना भी एक बड़ी समस्या है।
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राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) ऐसी विषम परिस्थितियों में भी लगातार कोशिश कर रही है कि विश्व में जयपुर का गौरव कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होते काम धंधों की फिर से कायापलट की जा सके। जयपुर के प्रसिद्ध बंधेज उद्योग (Jaipur Bandhej Udyog) से जुड़े सभी मेहनतकश कारोबारी और हुनरमंद कारीगर राजस्थान सरकार के उद्धयोग मंत्रालय तथा MSME विभाग से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
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