Jaipur ki Koftgiri Tahnisha : वीरों की धरती राजस्थान अपनी शौर्यगाथाओं के लिए आज भी पूरी दुनिया में मशहूर है। अपने मज़बूत इरादों के साथ ही तलवारों और भालों से दुश्मन के छक्के छुड़ाने में माहिर राजपूताना में प्राचीन काल से ही हथियारों को अलंकृत करने की कला फलती फूलती रही है। राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी सीरीज में हम आपको आज पिंकसिटी जयपुर की नायाब कला कोफ्तगिरी और तहनिशा (Jaipur ki Koftgiri Tahnisha) के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनसे आम आदमी अब तक अनजान है। नाम पर गौर करें तो ये फारसी शब्द है मतलब के ये कला फारस से जयपुर लाई गई है। तो चलिए इस कला की दास्तान जान लेते हैं। राजस्थान की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बंदे ये पोस्ट जरूर शेयर करें।
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जयपुर की कोफ्तगिरी तहनिशा कला क्या है (Jaipur ki Koftgiri Tahnisha)
फ़ौलाद पर सोने की बारीक कारीगरी को कोफ्तगिरी (jaipur koftgiri tahnisha art) कहा जाता है। मुगल काल में यह कला दमिश्क से पंजाब और गुजरात होती हुई राजस्थान आई। कोफ्तगिरी में लोहे के अस्त्र शस्त्रों पर सोने के पतले तारों द्वारा जड़ाई की जाती है। वही तहनिशा (Jaipur ki Koftgiri Tahnisha) के काम में डिजाइन को गहरा खोदा जाता है और उस खुदाई में पीतल का पतला तार भर दिया जाता है। इन कारीगरों को सिकलीगर तथा तारसाज़ कहा जाता है। जयपुर के अलावा अलवर और उदयपुर में ये काम काफी होता है।
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कोफ़्तगिरी तहनिशां के सामने चुनौतियां (Jaipur Koftgiri Tahnisha Challenges)
हथियारों को खूबसूरत रूप देने वाली ये अद्भुत कला पिछले कुछ समय से अपना अस्तित्व बचाने की कोशिश में जुटी हुई है। कोरोना काल में कोफ़्तगिरी व तहनिशां उद्योग पर संकट (Jaipur Koftgiri Tahnisha Challenges) आ खड़ा हुआ है। लॉकडाउन के दौरान कई कामगारों ने इस परंपरागत कला से मुंह मोड़ लिया। जयपुर में रहने वाले बाहरी कारीगर पलायन कर गये। नई पीढ़ी इस तरह की कला को ज्यादा महत्व नहीं दे रही है। अनलॉक के बाद भी ये उद्योग मंदी की मार से उबर नहीं पा रहा है। हथियारों को सजाने वाली ये कला अब केवल अजायबघरों और गिने चुने राज घरानों तक ही सीमित रह गई है। इन कलाकारों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंच ही नहीं पाती है।
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राजस्थान सरकार क्या कर रही है
राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) ऐसी विषम परिस्थितियों में भी लगातार कोशिश कर रही है कि विश्व में जयपुर का गौरव कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होते काम धंधों की फिर से कायापलट की जा सके। राजस्थान सरकार की ओर से इस कला के संरक्षण के लिए फेस्टिवल आयोजित किये जा रहे हैं। साथ ही जयपुर के प्रसिद्ध जयपुर के कोफ़्तगिरी व तहनिशां उद्योग (Jaipur Koftgiri Tahnisha MSME Schemes) से जुड़े सभी मेहनतकश कारोबारी और हुनरमंद कारीगर राजस्थान सरकार के उद्धयोग मंत्रालय तथा MSME विभाग से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।