Jaipur ki Miniature Painting : रंगीलो म्हारो राजस्थान, रंगीला सब रूप और भेस….मेहमान को सब कहते जहां, पधारो नी म्हारे देस….जी हां, राजस्थान का नाम आते ही ज़ेहन में रंगों की एक सुनहरी तस्वीर उभर आती है। रंगभरी इस दुनिया का एक नायाब नमूना है जयपुर की मिनिएचर पेंटिंग्स (Jaipur ki Miniature Painting) जिसे आज पूरी दुनिया में पसंद किया जा रहा है। चित्रकारी प्राचीनतम कलाओं में से एक मानी जाती है। कहते हैं कि एक पेंटिंग हजार शब्दों के बराबर होती है। प्राचीन समय से चित्रकारी के मामले में राजस्थान की राजधानी जयपुर का अहम योगदान रहा है। जयपुर की मिनिएचर पेंटिंग्स आज भी दीवारों की शोभा बढ़ाती हैं। तो चलिए जयपुर में मिनिएचर पेंटिंग्स का काम कैसे होता है इस बारे में जान लेते हैं।
यह भी पढ़ें :बणी-ठणी पर शानदार कविता, भारत की मोनालिसा का सौंदर्य देख लीजिए
मिनिएचर का मतलब होता है लघु जो लैटिन शब्द ‘मिनियम’ से व्युत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ होता है ‘लाल रंग का शीशा’। इस तरह की लघु चित्रकारी (Jaipur ki Miniature Painting) में हस्तनिर्मित रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। मिनिएचर पेंटिंग में पुराने ऐसिहासिक स्थानों, बगान, महल, वह राजा-महाराजों की तस्वीरों के अलावा भगवान कृष्ण, राधा व मीरा की सुंदर चित्रकारी देखने को मिलती हैं। जयपुर की ट्रेडिशनल मिनिएचर पेंटिंग्स देश विदेश में काफी मशहूर हैं।
मिनिएचर चित्रकारी के काम में इतनी मेहनत के बाद भी इन कामगारों को बहुत ही कम मेहनताना मिल पाता है। बिचौलियों की वज़ह से कारीगरों तक पैसा पहुंच नहीं पाता है। कोरोना काल में जयपुर का मिनिएचर आर्ट (Jaipur ki Miniature Painting) व्यापार काफी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। महामारी के इस संकट में इन चित्रकारों की समस्या ये है कि इन्हें अपनी मेहनत का संतोषजनक फल नहीं मिल पा रहा है। अपनी बेबसी का दुखड़ा ये चित्रकार किसी को बोल भी नहीं सकते, बस ग्राहकों के इंतजार में इन चित्रकारों की आंखे अब टकटकी लगाकर देखती रहती है।
जयपुर की हस्तकलाओं और विलुप्त होती विरासत के बारे में और भी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़े।
पिछले दो सालों में जयपुर में मिनिएचर चित्रकारी (Jaipur Miniature Painting Challenges) करने वाले करीब 500 चित्रकारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कभी देसी विदेशी पर्यटकों से भरी रहने वाली इनकी दुकानों में अब इक्का-दुक्का ग्राहक भी नज़र नहीं आते हैं। इन कलाकारों को सरकारी योजनाओं की कोई जानकारी नहीं है।
यह भी पढ़ें : जयपुर में ज़रदोज़ी का काम कैसे होता है, राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी
राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) ऐसी विषम परिस्थितियों में भी लगातार कोशिश कर रही है कि विश्व में जयपुर का गौरव कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होते काम धंधों की फिर से कायापलट की जा सके। राजस्थान सरकार की ओर से इस कला के संरक्षण के लिए फेस्टिवल आयोजित किये जा रहे हैं। साथ ही जयपुर के प्रसिद्ध मिनिएचर पेंटिंग उद्योग (Jaipur ki Zardozi) से जुड़े सभी मेहनतकश कारोबारी और हुनरमंद कारीगर राजस्थान सरकार के उद्धयोग मंत्रालय तथा MSME विभाग से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
Jaipur News : जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के निर्देश पर…
Madan Rathore News : जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) आज (गुरूवार) श्रीगंगानगर…
जयपुर। Sas Ki Sas Banungi Main : राजस्थान की राजधानी जयपुर अपनी कई खूबियों की…
Kirodi Meena News : राजस्थान में जहां एक ओर उपचुनावों के नतीजे आने वाले हैं।…
Hanuman Beniwal News : जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग…
Hanuman Beniwal News : जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे है,…