Jaipur News: गुलाबी नगरी जयपुर भारत की नहीं दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान रखता है। यहां की प्राचीन इमारतों और धार्मिक स्थलों की चर्चा पूरी दुनिया में है। मंदिरों के साथ ही जयपुरी की मस्जिदें भी बनावट और स्थापत्य कला के मामले में किसी से कम नहीं है। आमतौर पर दुबई और तुर्की में जैसी भव्य मस्जिदें नजर आती हैं, जल्द ही जयपुरवासियों को भी वैसी ही खूबसूरत और आलीशान मस्जिद का दीदार नसीब हो सकेगा। जी हां, कहीं और जाने की जरूरत नहीं है, जयपुर (Jaipur News) के नाहरी का नाका इलाके में बन रही मदीना मस्जिद एक मुस्लिम इबादतगाह होने के साथ-साथ कला और स्थापत्य की दृष्टि से भी भारत में अहम स्थान रखेगी। तो चलिए हम आपको इस मस्जिद की खासियत के बारे में बताते हैं।
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जयपुर में मदीना मस्जिद बन रही
जैसी मस्जिदें आपने इस्लामी कैलेंडर में दुबई और तुर्की में देखी होगी ठीक वैसी ही ये चार मंजिला मस्जिद जयपुर के चांदपोल इलाके में नाहरी के नाके में बन रही है। इसका सबसे खास आकृषण इसका भव्य गुंबद है, जिसमें चारों तरफ खिड़कियां हैं। इसके अलावा भी प्रत्येक मंजिल पर खिड़कियां छोड़ी गई हैं। यही वजह है कि मस्जिद में लगातार हवा का आवागमन बना रहता है। मस्जिद कमेटी ने कहा कि अगले एक साल में मस्जिद का काम पूरा होने की उम्मीद है।
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बिना एसी ठंडक रहेगी
मस्जिद के प्रमुख आर्किटेक्ट असद गौरी ने हमको बताया कि मस्जिद का बाहरी हिस्सा दुबई की जुमेराह और अंदरुनी हिस्सा तुर्की की ब्लू मस्जिद की डिजाइन पर आधारित है। खास तरह के डिजाइन की वजह से मस्जिद में एसी और कूलरों की जरूरत नहीं पड़ेगी, यानी बिना एसी कूलर भी मस्जिद में गर्मी में ठंडक बनी रहेगी। मस्जिद में वुजुखाना, नमाज की जगह, मदरसा, बाथरूम का निर्माण भी इंटरनेशनल मानकों के हिसाब से किया जा रहा है। गुंबद समेत मस्जिद की ऊंचाई करीब 95 फुट रहेगी। एक बार में मस्जिद में करीब 2300 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे। इसके अलावा मस्जिद में 16 हजार लीटर पानी की क्षमता का टैंक तैयार किया गया है। कमेटी के सेक्रेट्री हाजी सलाउद्दीन ने कहा है कि यहां फायर सेफ्टी सिस्टम, सोलर प्लांट और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है। कुल मिलाकर जयपुर की यह मस्जिद एकदम हाईटेक तरीके से बनाई जा रही है।

तालीम का मरकज होगी
कमेटी ने बताया कि मस्जिद का बेसमेंट शिक्षा यानी तालीम को समर्पित रहेगा। यहां मदरसे में बच्चों को दीनी और दुनियावी दोनों तरह की तालीम दी जाएगी। साथ ही कंप्यूटर सेंटर और लाइब्रेरी का भी इंतेजाम रहेगा। कमेटी के अध्यक्ष हाजी रमजान ने बताया कि रमजान से पहले मस्जिद का काम करीब करीब पूरा हो जाएगा। मार्च 2021 से इस मस्जिद का काम चल रहा है। इससे पहले मस्जिद कच्ची हुआ करती थी। कोरोना काल में यहां के लोगों ने मस्जिद के निर्माण में हाथ बंटाकर श्रमदान भी किया था। जल्द ही जयपुर की यह मस्जिद भारत की प्रमुख मस्जिदों में शामिल हो जाएगी।