Jaipur Paper Mache Art : राजस्थान में कला को कितना महत्व दिया जाता है, इस बात का पता इस एक तथ्य से चलता है कि यहां सालाना 3700 करोड़ के हस्तशिल्प (Rajasthan Handicraft Export) का निर्यात होता है। राजस्थान में गुलाबी नगर जयपुर अपनी अनूठी वैभवशाली पारंपरिक विशेषताओं के लिए मशहूर है। जयपुर को यूंही इंटरनेशनल क्राफ्ट सिटी का दर्जा नहीं दिया गया है। जयपुर में फलने फूलने वाली ऐसी कई कलाएं हैं जो नई पीढ़ी को दांतों तले उंगली दबाने पर मज़बूर कर देती है। ऐसी ही एक दुर्लभ कला है पेपरमैशी, जिसे कुट्टी का काम (Jaipur Kutti Ka Kam) भी कहा जाता है। राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी सीरीज में हम आपको आज पिंकसिटी जयपुर की नायाब कला पेपरमैशी (Jaipur Paper Mache Art) के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जयपुर के पेपरमैशी (Jaipur Paper Mache Art) आर्ट की दास्तान जान लेते हैं। राजस्थान की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बंदे (Jaipur Art RAS notes pdf) ये पोस्ट जरूर शेयर करें।
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जयपुर का पेपरमैशी उद्योग (Jaipur Paper Mache Art)
पेपरमैशी (Jaipur Paper Mache Art) के अंतर्गत काग़ज़ को गला कर लुगदी बनाके फिर उसके विभिन्न उत्पाद तैयार किये जाते हैं। दशहरे पर रावण के मुखौटे हो या फिर कथकली नर्तक व नर्तकी के मुख, ये सब पेपरमैशी की ही देन है। जयपुर में पेपरमैशी द्वारा विभिन्न तरह के खिलौने भी बनाये जाते हैं। लेकिन वक्त की मार ने जयपुर की इस बेहतरीन कला को हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया है। बिना सरकारी मदद के यह उद्योग फिर से खड़ा नहीं हो सकता है। ज्यादातर व्यापारियों और कारीगरों को सरकारी योजनाओं की जानकारी ही नहीं है। बात करते हैं कि इस कला के सामने क्या क्या चुनौतियां हैं।
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‘Contemporary Craft of Papier Mache’ workshop by Govind Singh Nagvanshi began at JKK today with over 15 participants.
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— Jawahar Kala Kendra (@JKK_Jaipur) December 15, 2019
जयपुर पेपरमैशी उद्योग के सामने चुनौतियां (Jaipur Paper Mache Art Challenges)
इतनी दुर्लभ कला होने के बावजूद वक्त की मार और आधुनिकता की चमक के चलते जयपुर का पेपरमैशी उद्योग धीरे धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। लॉकडाउन के दौरान कुट्टी का काम (Jaipur Paper Mache Art Challenges) करने वाले कई कलाकार जयपुर से चले गये। कई लोगों ने तो कारोबार ही बदल लिया है। पानी की कमी भी एक मुख्य समस्या है। विदेशी पयर्टक भी अब पेपरमैशी उत्पादों के प्रति उतनी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। ऑनलाइन चाइनीज आईटम और जीएसटी की मार ने इस कला को पीछे धकेल दिया है। धीरे धीरे पेपरमैशी की यह दुर्लभ कला (Jaipur Paper Mache Art Challenges) विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है।
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राजस्थान सरकार क्या कर रही है
राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) ऐसी विषम परिस्थितियों में भी लगातार कोशिश कर रही है कि विश्व में जयपुर का गौरव कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होते काम धंधों की फिर से कायापलट की जा सके। राजस्थान सरकार की ओर से इस कला के संरक्षण के लिए फेस्टिवल आयोजित किये जा रहे हैं। साथ ही जयपुर के प्रसिद्ध पेपरमैशी उद्योग (Jaipur Paper Mache Art MSME Schemes) से जुड़े सभी मेहनतकश कारोबारी और हुनरमंद कारीगर राजस्थान सरकार के उद्धयोग मंत्रालय तथा MSME विभाग से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।