Jaipur Ramadan Hindi: माहे रमजान की आमद 11 मार्च 2024 को होने वाली है। इस पाकीजा महीने में मुस्लिम बंधु तीस दिन के रोज रखते हैं तथा गुनाहों से दूर रहते हुए अल्लाह की इबादत करते हैं। सेहरी और इफ्तारी में लजीज व्यंजन बनाए जाते हैं। रमजान में रब वो जायके खिलाता है जो इंसान पूरे साल नहीं खा पाता है। ऐसा ही जयपुर का एक ज़ायका है शीरमाल (Sheermal) रोटी जो कि रमजान के महीने में जयपुर में काफी बिकती है। जयपुर में रमजान के दौरान अगर जायकों की बात करें तो (Jaipur Ramadan Hindi) ईरान की शाही रोटी शीरमाल का नाम सबसे अव्वल आता है। Jaipur Ramadan Hindi सीरीज में हम आपको इस लजीज रोटी के बारे में बताने वाले है कि ये जयपुर में कहां मिलती है। तो इस रमजान जयपुर में तैयार हो जाए Sheermal का जायका चखने के लिए।
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रमजान के महीने में जयपुर शहर की बात ही कुछ अलग होती है। परकोटे में रामगंज बाजार हो या घाटगेट बाजार इफ्तारी और सेहरी के समय अलग ही रौनक दिखाई देती है। तरह तरह के लजीज जायकों के बीच शीरमाल रोटी की भारी डिमांड रहती है। दूध और मेवे में गुंथे होने के कारण इस रोटी को बिना सालन के कोरी खाने में ही मजा आता है। रामगंज बाजार की दुकानों पर टंगी ये ईरान की शाही रोटियां सैलानियों को भी लुभाती हैं।
शीरमाल मूल रूप से ईरान में खायी जाने वाली रोटी है जो मुगलों के साथ भारत आ पहुंची। भारत में आने के बाद ये लखनऊ, हैदराबाद और औरंगाबाद में बहुत ज्यादा खाई जाने लगी और उसके बाद अवधी जायका बन गई। जयपुर में भी रमजान के दौरान Sheermal की बिक्री जमकर होती है। इसके अलावा अजमेर शरीफ दरगाह के इलाके में भी ख्वाजा साहब की दरगाह पर आने वाले जायरीन शीरमाल को पसंद करते हैं।
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शीरमाल दो फारसी लफ्जों से मिलकर बना है। इसमें ‘शीर’ का मतलब मीठा और ‘माल’ का मतलब दूध और मेवे से है। यानी Sheermal के मानी है कि दूध से चुपड़ी या मली हुई नान या रोटी। पहले इसे तंदूरी नान की ही तरह बनाया और पकाया जाता था। मगर वक्त के साथ इसमें कुछ बदलाव किए गए और मीठे दूध और मेवों की मात्रा बढ़ा दी गई। इसमें केसर भी मिलाया जाता है।
माहे रमजान की बात करें तो 11 मार्च को जयपुर सहित पूरे भारत में रमजान का चांद नजर आ सकता है। ऐसे में पहला रोजा 12 मार्च 2024 को रखा जाएगा। इफ्तार के समय शीरमाल की डिमांड बढ़ जाती है। तो ऐसे में आप अभी से रमजान में शीरमाल का जायका चखने की तैयारी शुरु कर दे। हांलाकि रोजेदार भाई इफ्तार के समय नींबू की शिकंजी बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। प्यास की शिद्दत के बाद कुछ खाने की इच्छा नहीं करती है। बस दो बूंद पानी मिल जाए।
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