Rajasthan Safai Karmachari Protest: सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जयपुर शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। हड़ताल का कारण सफाई भर्ती प्रक्रिया को लेकर है और इसके कारण वाल्मीकि समाज से जुड़े कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल का ऐलान किया है। संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के बैनर तले इन कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग उठाई। हड़ताल के कारण शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम बंद होने से गलियों में कचरे के ढेर लग गए है।
जयपुर में सफाई व्यवस्था बिगड़ी
कर्मचारियों के हड़ताल के करण जयपुर में सफाई व्यवस्था बिगड़ गई है। (Rajasthan Safai Karmachari Protest) राजधानी की सभी सड़कों पर न तो सफाई हुई और न ही हूपर से कचरा संग्रहण हुआ। जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए और मुख्य बाजारों की सड़कों पर भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। जयपुर नगर निगम के 8 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी है और 80 फीसदी कर्मचारी वाल्मीकि समाज से हैं। इन कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर अपने मांगों को पूरा करवाने तक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता
सफाई कर्मचारी की भर्ती मस्टररोल के आधार पर ही होनी चाहिए। (Rajasthan Safai Karmachari Protest) सफाईकर्मी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है, ऐसे में हड़ताल के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं।
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लॉटरी भर्ती का विरोध
स्वायत्त शासन विभाग ने 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारी भर्ती लॉटरी के आधार पर करने का फैसला किया है। ऐसा ही साल 2018 की भर्ती में किया गया था और इसका विरोध हुआ था। (Rajasthan Safai Karmachari Protest) जिन अभ्यर्थियों ने निगम में कॉन्ट्रैक्ट पर काम किया है, उनको प्राथमिकता मिलनी चाहिए।