Jaipur Zardozi Work : रंगीलो म्हारो राजस्थान, रंगीला सब रूप और भेस….मेहमान को सब कहते जहां, पधारो नी म्हारे देस….जी हां, राजस्थान का नाम आते ही ज़ेहन में रंगों की एक सुनहरी तस्वीर उभर आती है। रंगभरी इस दुनिया का एक नायाब नमूना है जयपुर की ज़रदोज़ी कला (Jaipur Zardozi Work) जिसे आज पूरी दुनिया में पसंद किया जा रहा है। सोने के तारों से कपड़े पर कढ़ाई करने की ये अनोखी कला (Jaipur Zardozi Work) जिसे ज़री का काम या फिर आरी-तारी के नाम से भी जाना जाता है, आज पूरी दुनिया में जयपुर की पहचान मानी जाती है। तो चलिए जयपुर में ज़रदोज़ी का काम कैसे होता है इस बारे में जान लेते हैं।
यह भी पढ़ें : Sanganeri Print: भजनलाल सरकार का सांगानेरी प्रिंट उद्योग को लेकर बड़ा ऐलान
सुई और धागे से कपड़े पर करिश्मा बुनने की कला को कढ़ाई कहा जाता है। लेकिन अगर धागा सोने और चांदी का हो तो फिर वही कला ज़रदोज़ी यानी सोने की कढ़ाई के नाम से मशहूर हो जाती है। ज़रदोज़ी (Jaipur Zardozi Work) शब्द फारसी भाषा के ज़ार और दोज़ी शब्द से बना है, जिनका मतलब सोना और कढ़ाई है। जयपुर में ये कला खूब परवान चढ़ी।
फ़ारस से लेकर जयपुर की गलियों तक का यह सुनहरा सफ़र ज़रदोज़ी की कहानी बयान करता है। चमकीले धागे को बारीक सुई में लपेटकर उंगलियों के हुनर से एक बेजान कपड़े में जान डालने वाले गुलाबी नगर के कारीगर दिन रात मेहनत मशक्कत करके ज़री का ये बेशकीमती काम करते हैं। आम बोलचाल की भाषा में इसे आरी-तारी का काम (Jaipur Aari-Taari Work) भी कहा जाता है।
जयपुर की हस्तकलाओं और विलुप्त होती विरासत के बारे में और भी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़े।
ज़रदोज़ी के काम में इतनी मेहनत के बाद भी इन कामगारों को बहुत ही कम मेहनताना मिल पाता है। बिचौलियों की वज़ह से कारीगरों तक पैसा पहुंच नहीं पाता है। ज़री का कारोबार कोरोना काल में लगभग खत्म सा हो गया। लगातार मंदी की मार झेलने के बाद जयपुर के ज़रदोज़ी व्यापारी (Jaipur Zardosi Challenges) दूसरे काम धंधे करने लग गए हैं। इस कला के सामने एक समस्या ये भी है कि नई पीढ़ी इसमें कोई रूचि नहीं दिखा रही। इनका मानना है, कि जो काम हमारे बाप-दादाओँ ने किया वो काफी है। अपनी आंखें खपाकर सारी ज़िंदगी ज़री के नाम करने वाले इन कामगारों का दर्द बयान नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी ना होने से ये उद्योग धीरे धीरे दम तोड़ रहा है।
यह भी पढ़ें : जयपुर में मीनाकारी का काम कैसे होता है, राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी
राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) ऐसी विषम परिस्थितियों में भी लगातार कोशिश कर रही है कि विश्व में जयपुर का गौरव कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होते काम धंधों की फिर से कायापलट की जा सके। राजस्थान सरकार की ओर से इस कला के संरक्षण के लिए फेस्टिवल आयोजित किये जा रहे हैं। साथ ही जयपुर के प्रसिद्ध ज़रदोज़ी उद्योग (Jaipur ki Zardozi) से जुड़े सभी मेहनतकश कारोबारी और हुनरमंद कारीगर राजस्थान सरकार के उद्धयोग मंत्रालय तथा MSME विभाग से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
Alwar News : रैणी। अलवर उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत माचाड़ी स्थित कोठारी का बास…
CM Bhajanlal Sharma Alwar visit : अलवर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma)…
जयपुर : राजस्थान की राजनीति में बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीना इन दिनों…
Zubair Khan News : राजस्थान में दो विधायकों के अतिंम संस्कार पर बवाल मचा हुआ…
Rajasthan Politics : जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh…
Arvind Kejriwal : जयपुर। CM अरविंद केजरीवाल ने जबसे सीएम पद से इस्तीफा देने का…