Jhunjhunu News: भारत में आजादी के बाद से जातिगत भेदभाव को मिटाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए गए लेकिन इसके बाद कई लोग जातिगत भेदभाव करते है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान में झुंझुनूं के इस्लामपुर सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल रामकृष्ण महरिया के साथ हुआ है और वह इस तरह से परेशान हुआ कि अब उसने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है। झुंझुनूं जिले के इस्लामपुर के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत रामकृष्ण कई सालों से परेशान है।
महिला शिक्षिका के खिलाफ शिकायत
प्रिंसिपल महरिया ने महिला शिक्षिका के खिलाफ अनुशासात्मक कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई थी। इससे नाराज होकर शिक्षिका उन्हें लगातार जातिसूचक शब्दों से अपमानित करना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर रामकृष्ण महरिया ने डीईओ सुभाष ढाका, सीबीईओ महेंद्र जाखड़ और शिक्षिका के खिलाफ जातिगत दुर्भावना से प्रताड़ित करने आरोप लगाते हुए थाने में मामला दर्ज कराया। इसके बाद महिला शिक्षिका ने भी प्रिंसिपल रामकृष्ण महरिया, एडीईओ रवींद्र कृष्णियां, कमलेश तेतरवाल, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी महेंद्र धायल के खिलाफ प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करवाया।
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जांच दल पर भी आरोप लगाया
महिला शिक्षिका की याचिका पर शिक्षा विभाग ने जांच दल का गठन किया। रामकृष्ण महरिया का आरोप है कि जांच दल में शामिल अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ित किया और रात 12 बजे तक उनसे पूछताछ की गई। उन्हें डाइट में बुलाया और फिर शिक्षकों का रिकॉर्ड लाने के लिए स्कूल भेज दिया।
इच्छा मृत्यु की मांग
जांच के नाम पर प्रताड़ित होने से परेशान होकर प्रिंसिपल रामकृष्ण महरिया की सेहत खराब हो गई। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कारया गया और महरिया का आरोप है कि उन्हें जांच के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। जातिगत प्रताड़ना से परेशान होकर उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है।
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