जयपुर। Kakoda Vegetable : मानसून के बारिश वाले सीजन में एक ऐसी सब्जी आती है जो सिर्फ इसी मौसम में उगती है। यह सब्जी कोई और नहीं बल्कि ककोड़ा है 100 प्रतिशत जैविक होता है। ककोड़ा औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। यह सब्जी खाने से बुखार, सांस, सूजन आदि में बहुत लाभ मिलता है। सबसे खास बात ये है कि ककोड़ा की खेती नहीं की जाती बल्कि खुद ब खुद उगता है।
सबसे ज्यादा ताकतवर सब्जियों में शुमार है ककोड़ा
ककोड़ा (Kakoda) बॉडी को 50 गुना अधिक प्रोटीन व ताकत देता है जो सिर्फ बारिश के मौसम में ही पैदा होता है। इसी वजह से इसें सबसे अधिक ताकतवर सब्जियों में से एक माना जाता है। यह सब्जी मानसून में ही उगती है अत: कई लोग इसके बारे में नहीं जानते, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह आम सब्जी होती है। ककोड़ा को दुनिया कि सबसे शक्तिशाली सब्जी भी माना जाता है जिसमें अद्भुत औषधि गुण होते हैं।
पूरी तरह जैविक सब्जी है ककोड़ा
ककोड़ा की बेल बारिश के मौसम में खेतों व घरों के चारों तरफ लगने वाली कंटीली बाड़ में उगती है यानि इसको कोई खेती नहीं की जाती बल्कि यह अपने आप उगता है। बरसाती सब्जी के तौर पर जाना जाने वाले ककोड़ा में अन्य सब्जियों की तुलना में 50 गुना अधिक प्रोटीन होता है। डाक्टरों के मुताबिक बारिश मौसम में आने वाली प्रत्येक सब्जी में कीटनाशक का उपयोग किया जाता है लेकिन लेकिन ककोड़ा (Kakoda Ki Sabji) पूरी तरह जैविक होता है।
प्रोटीन का भंडार है ककोड़ा
ककोड़ा प्रोटीन का भंडार होता है जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए काफी मदद करता है। यह बॉडी को साफ सुथरा रखता है। बिना खेती किए उगने के कारण कई लोग इसें जंगली सब्जी भी कहते हैं। बारिश का मौसम खत्म होने पर बेल पर लगे ककोड़े पक जाते हैं जिसके बाद इनके बीज वहीं गिर जाते हैं। इसके बाद फिर से बारिश मौसम आने पर ये उग जाते हैं।
150 रूपये तक बिकता है ककोड़ा
ककोड़ा की सब्जी जंगल और ग्रामीण क्षेत्रों अधिक देखने को मिलती है। ककोड़ा का भाव मार्केट में 150 रूपये किलो तक होता है। बारिश के मौसम में यह मार्केट में सब्जी की दुकानों पर कुछ ही दिनों तक मिलता है।