जयपुर। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कलियुग के भगवान कल्कि के मंदिर (Kalki Temple) का शिलान्यास किया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम् कल्कि धाम के पीठाधीश्वर हैं। धमशास्त्रों के मुताबिक भगवान कल्कि उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव में अवतार लेंगें जो भगवान विष्णु का 10वां कल्कि अवतार होगा। इसी कारण यहां पर कल्कि धाम (Kalki Dham) बनाया गया है। इस कल्कि धाम मंदिर को गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया है। लेकिन आपको बता दें कि इससे पहले भी राजस्थान के जयपुर शहर में भगवान कल्कि का ऐतिहासक मंदिर है जो काफी चमत्कारी है।
जयपुर में भगवान कल्कि का मंदिर (Kalki Temple Jaipur) स्थित है जो ऐतिहासिक है। जयपुर में भगवान कल्कि का मंदिर निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 18वीं सदी में कराया था। जयपुर में कल्कि मंदिर सिरह ढ्योडी बाजार के के सामने पैलेस गेट पर स्थित है। इस मंदिर परिसर में मार्बल से बना सफेद रंग का घोड़ा है और माता लक्ष्मी की मूर्ती भी है।
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धर्म शास्त्रों के मुताबिक कलियुग की शुरूआत 3102 ईसा पूर्व ही हो चुकी है। इस समय कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है। पुराणों के मुताबिक कलियुग का काल 4 लाख 32 हजार वर्ष बताया गया है। इसमें कलियुग के 3102+2024= 5126 साल बीत चुके हैं और 426875 साल अभी बचे हैं। सनातन धर्म-शास्त्रों के अनुसार कल्कि अवतार से ही कलियुग का अंत होना तय है। इसका मतलब अब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लगभग 426875 साल बाद लेंगें। भगवान कल्कि कलियुग की समाप्ति और सतयुग के संधि काल में अवतार लेंगें।
सनातन धर्म के प्रमुख शास्त्र श्रीमद्भागवत पुराण में कल्कि अवतार के बारे में बताया गया है। जिसके अनुसार इसके 12वें स्कंद के 24वें श्लोक के मुताबिक जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एकसाथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब भगवान कल्कि का अवतार होगा। इस गणना के मुताबिक भगवान कल्कि सावन महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को अवतार लेंगें। इसी वजह से प्रत्येक वर्षक सावन शुक्ल पंचमी को कल्कि जयंती मनाई जाती है।
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पुराणों के मुताबिक कलियुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे और पृथ्वी से पापियों का नाश करेंगे जिसके बाद फिर से धर्म की स्थापना होगी। फिर से सतयुग का प्रारंभ होगा। पुराणों के मुताबिक कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल गांव में होगा।
सनातन धर्म के प्रमुख शास्त्र अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में कल्कि अवतार का जिक्र किया गया है। इसके अनुसार भगवान कल्कि तीर-कमान धारण किए हुए सफेद रंग एक घुड़े पर सवार होंगे। कल्कि भगवान के घोड़े का नाम देवदत्त होगा।भगवान कल्कि 64 कलाओं से युक्त होंगे।
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