Kharbuja Ki Kheti: आज के इस दौर किसान के लिए जीवनयापन करना बहुत ही मुश्किल भरा हो गया है। क्योंकि उनकी जिंदगी में खेती के अलावा कुछ काम नहीं होता है और खेती भी बारिश पर निर्भर करती है। अगर बारिश नहीं हुई तो सब बर्बाद हो जाता है लेकिन आधुनिकता के इस दौर खेती करने की तरीकों में बदलाव हुआ है। अगर बात करें खेती की तो किसान साल में दो फसल पैदा करता है और उसी के सहारे उसका घर चलता है।
रबी की फसल के बाद 3 महीने का समय किसान के पास कुछ नहीं करने का होता है। वह इस दौरान बारिश का इंतजार करते हुए खरीफ की फसल तैयार करता है। लेकिन अब किसानों ने रबी की फसल कट जाने और अगली बुवाई से पहले 60 दिन में ऐसी खेती करनी शुरू कर दी है जो उनको अच्छा मुनाफा दे रही है। बांसवाड़ा के किसानों ने खरबूजे की शॉर्ट-टर्म खेती शुरू करके नया काम किया है।
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बांसवाड़ा के छींच गांव के किसानों ने खरबूजे की खेती करना शुरू किया है। गांव के सभी किसानों ने खरबूजे की खेती की और इस साल उनको अच्छी कमाई भी हुई है। खरबूजे के साथ उनके बीजों से भी इनकम कर रहे हैं। जिस खाली सीजन में कुछ नहीं करता था और उसी सीजन में खरबूजे की खेती कर हर किसान को प्रति बीघा 20 हजार रुपए की कमाई कर रहा है। खरबूजे की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है।
खरबूजे की खेती में पानी एक बार देना होता है। मई और जून महीने में बेहतर पैदावार होती है और इस फसल में न तो अधिक दवा की जरूरत और न ही खाद। किसानों ने बताया कि बेचने का झंझट ज्यादा नहीं है, क्योंकि व्यापारी खुद ही लेने आते है तो परिवहन का खर्च भी बच जाता है।
गेहूं की कटाई के बाद इसकी खेती करना सबसे बेहतर है। गेहूं कटाई के बाद पूरे खेत को जोत कर पानी लगाकर बीज की बुवाई करते हैं। 50-60 दिन में पैदावार शुरू हो जाती है। ऑफ सीजन में खेतों से 60 दिन में लाख रुपए से ज्यादा आमदनी हो जाती है। गर्मी के सीजन में तीन माह खेत खाली रहते थे और किसानों की आर्थिक दशा कमजोर हो रही थी।
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फल से ज्यादा कमाई बीज से होती है। एक बीघा से 45-50 किलो खरबूजे का बीज मिलता है। बीज का भाव 300 रुपए किलो है और इसके अलावा खरबूजे से भी अच्छी इनकम होती है। इसमें खर्च बहुत कम होता है।