Kirodi Lal Meena: कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली पहुंच गए हैं और वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करके अपनी बात रखेंगे। किरोड़ी ने इस्तीफा देने का खुलासा किया था और अब वह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बात करके अपने इस्तीफे का कारण स्पष्ट करेंगे।इस्तीफा देने के बाद उन्हें मनाने की कोशिश के तौर पर उनका यह दौरा हुआ है।
किरोड़ी ने एक महीने पहले ही अपना इस्तीफा सीएम शर्मा को भेज चुके हैं। लेकिन सीएम ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। नाराज किरोड़ी को दिल्ली बुलाया गया हैं। किरोड़ी ने कहा- मैंने 5 जून को अपना इस्तीफा भेज दिया था और उसके बाद 25 जून को मैंने मिलकर भी उनका इस्तीफा सौपा। इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया
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किरोड़ी का दर्द
किरोड़ी ने कहा- तमाम कोशिश के बाद भी मैं अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में पार्टी को जीता नहीं सका। मैंने चुनाव के दौरान जो कहा उसको मैंने पूरा किया है। दिन रात मैंने जनता के लिए संघर्ष किया और उन लोगों ने मेरे साथ ऐसा किया। लेकिन जनता ने मेरी नहीं मानी और मुझे निराश किया तो पद छोड़ दिया।मेरी मुख्यमंत्री से कोई शिकायत नहीं है। ईमानदारी से कह रहा हूं, मैं अपनी पार्टी को नहीं जीता सका और यह मेरी असफलता है।
प्राण जाए पर वचन न जाए
लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के दिन मीणा ने दोपहर में ही सोशल मीडिया पोस्ट करके इस्तीफे के संकेत दे दिए थे। उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई- रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए,
उपचुनाव में बढ़ेगी परेशानी
किरोड़ी का इस्तीफा मंजूर हुआ तो पार्टी को आने वाले उपचुनावों में ज्यादा परेशानी होगी। कुछ दिन पहले ही मीणा को दौसा सीट का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। लेकिन अब वह पार्टी के लिए ही परेशानी बन गए है क्योंकि आदिवासी वोट बैंक में किरोड़ी की अच्छी पकड़ है। भजनलाल सरकार बनने के बाद से ही वे नाराज दिख रहे है और इसकी वजह उनको अच्छा मंत्रालय नहीं मिलना बताया जा रहा है।